शिक्षकों की शिकायत सुनने वाले अपीलीय प्राधिकार होंगे बंद , सभी मामले जून 2024 तक करे खत्म :– पाठक ने दिया आदेश
नियोजित शिक्षकों से संबंधित किसी भी तरह के मामलों की सुनवाई करने और उसके निष्पादन करने के लिए गठित जिला और राज्य अपीलीय प्राधिकार अब बंद किए जाएंगे इस बाबत प्राधिकरण को किसी वितरण के नए मामले नहीं लेने का निर्देश शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दिया गया है साथ ही विभाग ने यह भी साफ किया है कि जो भी मामले इन प्राधिकारों में पूर्व से चल रहे हैं उन सभी का निपटारा हर हाल में जून 2024 तक कर दें
मालूम हो कि जिलों में यह प्राधिकार एक दशक से अधिक समय से कार्यरत है इस संबंध में विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि नियोजित शिक्षकों को लेकर ही इन प्राधिकरण का गठन किया गया था अब सभी नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जा रहा है
साक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद सभी नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार के कर्मियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेगी इन्हें विशेष शिक्षक के रूप में जाना जाएगा विशेष शिक्षकों को लेकर अलग से नियमावली भी गठित की जा चुकी है इसको देखते ही वहीं पूर्व से गठित अपील प्राधिकरण को बंद करने की दवाई शुरू कर दी गई है
मालूम हो कि जिला अप्रिय प्राधिकार में जिला जज के स्तर के एक सेवानिवृत्ति न्यायाधीश और एक सेवानिवृत प्राधिकारी तैनात किए जाते हैं वहीं राज्य आपके लिए प्राधिकार में उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायाधीश और एक सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहते हैं विभाग में साफ कर दिया है कि पर मंडलों में कार्यरत क्षेत्र शिक्षा उपनिदेशक अब अपीलीय प्राधिकार के रूप में काम करेंगे
प्राधिकार को बंद करने के बाद उसमें कार्यरत सेवानिवृत्ति पदाधिकारी और न्यायाधीश के संबंध में विभाग की ओर से अभी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है पिछले ही साल सभी 38 जिलों के अपीलीय प्राधिकारी में दो-दो पीठासीन पदाधिकारी की नियुक्ति की गई थी
प्राधिकारों में 2200 मामले हैं लंबित
राजभर के जिला अपील पदाधिकारी में करीब 2200 मामले लंबित हैं जिन पर सुनवाई चल रही है इनमें शिक्षकों की प्रोन्नति नियुक्ति व गरबारी प्रशिक्षित वेतनमान नहीं मिलना कम वेतन मिलना वारी को कन्या कर देना आदि प्रकार के मामले शामिल है शिक्षा विभाग की ओर से प्राधिकार में चल रही सुनवाई की स्थिति की निरंतर निगरानी हो रही है साथ ही निष्पादित मामलों की रिपोर्ट ली जा रही है