हजारो हजार की संख्या में नियोजित शिक्षकों ने निकाला मशाल जुलुश , नियोजित शिक्षकों की मांग नही मानने पर 13 फरवरी को लाखों नियोजित शिक्षक विधानसभा का करेंगे घेराव 

हजारो हजार की संख्या में नियोजित शिक्षकों ने निकाला मशाल जुलुश , नियोजित शिक्षकों की मांग नही मानने पर 13 फरवरी को लाखों नियोजित शिक्षक विधानसभा का करेंगे घेराव 

बिहार के नियोजित शिक्षकों ने राजभर के सभी जिलों मुख्यालयों प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला । राज के लगभग 3:45 लाख नियोजित शिक्षक बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग पर पड़े हुए हैं नियोजित शिक्षक साक्षमता परीक्षा देने को भी तैयार नहीं है उनका कहना है कि हमारी सेवा लगभग 15 से 20 वर्ष हो चुकी है ऐसे में हम लोगों से परीक्षा लेना किसी भी अस्तर से उचित नहीं है पहले ही हम लोगों ने दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया है ऐसी स्थिति में बिहार सरकार हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है अब हम लोग जब तक बिना शर्त राज कमी का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक हम लोगों का यह आक्रोषपूर्ण आंदोलन चलता रहेग

हजारों हजार की संख्या में नियोजित शिक्षकों ने जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय में मसाल जुलूस नींद निकालकर शिक्षा विभाग क्या प्रमुख सचिव को चेतावनी दिया कि जल्द से जल्द हमारी मांगों को नहीं माना गया तो राज्य भर में बहुत बड़ा आंदोलन होगा जिसको रोक पाना संभव ही नहीं नामुमकिन भी हो जाएगा और इन सब की जिम्मेदारी राज्य सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की होगी

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की चेतावनी के बाद भी बिहार के नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा को लेकर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.नियोजित शिक्षक संघों ने 13 फरवरी को विधानसभा के घेराव को घोषणा की है.इस घोषणा के तहत इन शिक्षकों का आन्दोलन शुरू हो गया है.इस कड़ी में नियोजित शिक्षक आज बिहार के कई जिलों में मशाल जुलूस निकाल कर विरोध जता रहे हैं.

इस कड़ी में ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा के विरोध मे नियोजित शिक्षक ने नवादा में मशाल जुलूस निकाला.इस मशाल जुलुस में अपर मुख्य सचिव केके पाठक मुर्दाबाद के नारे लगाए गए हैं.ऑनलाइन समक्षता परीक्षा के विरोध में शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के तहत सभी शिक्षक संघ मिलकर शहर के सड़को पर मशाल जुलूस निकाला .

नियोजित शिक्षकों ने कहा कि सूबे के सभी स्तर से नियोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण है. ऐसे में दक्षता और पात्रता परीक्षा उतीर्ण बाद सक्षमता परीक्षा का कोई औचित्य ही नही है .सरकार सिर्फ सक्षमता परीक्षा के माध्यम से नियोजित शिक्षकों का छंटनी करना चाहती है.संघ के जिलाध्यक्ष राम जी प्रसाद ने कहा की सरकार की नियोजित शिक्षकों के प्रति मंशा साफ नही है .सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है उन्होंने कहा कि सरकार बीपीएसी परीक्षा ऑफलाइन ली है और ले रही है जिसमे युवा और नये शिक्षक बहाल हो रहे है वहीं सक्षमता परीक्षा सरकार ऑनलाइन लेने की तैयारी कर रही है.उन्होंने शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन को सफल बनाने की शिक्षकों से अपील की है ।

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