फर्जी अंकपत्र पर बहाल नियोजित शिक्षक धराए जबकि 2 शिक्षिकाओं सहित 3 को और ढूंढ़ रही है पुलिस
पुलिस ने छापेमारी कर फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की जांच में अंक पत्र फर्जी पाया गया था। यह गिरफ्तारी गया में की गई है। इस मामले में दो शिक्षिका समेत चार शिक्षकों पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो विभाग पटना ने गया जिले के टिकारी थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।
एक फर्जी शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद गया पुलिस तीन अन्य नियोजित शिक्षकों की तलाश कर रही है।
दो फर्जी शिक्षिका समेत तीन की तलाश में जुटी पुलिस
इस संबंध में सीनियर एसपी आशीष भारती ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा टिकारी थाना क्षेत्र में फर्जी अंक पत्र पर चार पंचायत नियोजित शिक्षक और शिक्षिका बहाल हुए थे। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने दो शिक्षक और दो शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज करवाया था। दर्ज एफआईआर के आधार पर बुधवार को फर्जी शिक्षक अशोक पासवान को छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि फरार फर्जी दो शिक्षिका और एक शिक्षक की तलाश अभी जारी है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रमाणपत्र को बताया जाली
टिकारी थाना में दर्ज एफआईआर के मुताबिक नियोजित चार पंचायत शिक्षकों ने अपना अंकपत्र यानि प्रमाण-पत्र जमा कर शिक्षक के पद पर 2020 में बहाल हुए थे। चारों शिक्षकों के अंकपत्र को सत्यापित करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति भेजा गया था। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में जांच के उपरांत चारों शिक्षकों के अंकपत्र को फर्जी पाया। बिहार बोर्ड का कहना था कि यह अंकपत्र किसी दूसरे का अंकपत्र में फर्जीवाड़ा कर जमा किया गया है। उसके बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने गया के टिकारी थाना में जालसाजी कर नियोजित शिक्षक पद पर बहाल होने का मामला दर्ज कराया था।
इस विद्यालय में हुई थी बहाल
फर्जी प्रमाणपत्र पर आरोपी शिक्षिका राधिका कुमारी प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर में, बबिता कुमारी बेनीपुर प्राथमिक विद्यालय में, मनोज कुमार प्राथमिक विद्यालय गुलरिया चक में और अशोक कुमार पासवान प्राथमिक विद्यालय तेतरिया में बहाल हुए थे। इन सभी का अंकपत्र जांच के दौरान फर्जी पाया गया था। एक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब दो शिक्षिका समेत तीन की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।