16 वर्षो तक नौकरी करने के बाद पकड़ाया फर्जी शिक्षक, इस तरह जाँच मे हुआ खुलासा
सीतामढ़ी में एक बार फिर 16 साल काम करने के बाद दो फर्जी शिक्षक पकड़े गए है। बता दें कि बेलसंड व बथनाहा प्रखंड के स्कूलों में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियोजित दो शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
निगरानी अन्वेषण जांच ब्यूरो ने जांच में फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए बेलसंड व बथनाहा थानाध्यक्ष को पत्र लिखा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के वरीय पुलिस उपाधीक्षक कन्हैया लाल ने थानाध्यक्ष को अलग-अलग पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए संबंधित शिक्षकों व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। पुलिस उपाधीक्षक ने थानाध्यक्ष से कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक आदि प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच चल रही है। इसकी जिम्मेवारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पुलिस अधीक्षक पटना द्वारा उन्हें (डीएसपी) दी गई है।
शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच चल रही
सीतामढ़ी जिले के उक्त वर्षो में नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। संबंधित प्राधिकार व बोर्ड से संबंधित शिक्षकों का प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने पर फर्जी व फेक पाया गया है। उन्होंने कहा है कि स्थापना डीपीओ द्वारा उपलब्ध कराये गये फोल्डर में शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के जांच के क्रम में बेलसंड प्रखंड के ग्राम पंचायत राज महथी उर्फ चंदौली के तहत नियोजन वर्ष 2008 में प्रावि भड़वारी डोम टोला में पदस्थापित शिक्षक सुबोध कुमार पिता राधेश्याम ठाकुर महिन्दवारा भाया रामपुरहरि थाना रुन्नीसैदपुर निवासी द्वारा नियोजन के समय जमा किए गये शिक्षक प्रशिक्षण अंक पत्र वर्ष 2002-03, रौल नंबर 073, रौल कोड एयू, प्राप्ताक 1363 का सत्यापन एससीईआरटी असम गोहाटी व डायट कचर उधारबोंड असम से कराने पर फर्जी पाया गया है।
कूट रचना कर अवैध रुप से नियोजन प्राप्त किया है
इसी तरह बथनाहा प्रखंड नियोजन इकाई के तहत मवि पोखरभिंडा में वर्ष 2008 में पदस्थापित मवि हरनहिया जलसी के शिक्षक सुशील कुमार साकिन पो. रेवासी थाना रीगा का शिक्षक प्रशिक्षण अंक पत्र वर्ष 2006-07, रौल नंबर 028, रौल कोड एएम, प्राप्तांक 1776 एससीईआरटी असम गोहाटी के कार्यालय अभिलेख से सत्यापन कराने पर अंक पत्र फर्जी व मनगढंत पाया गया है। सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाना प्रमाणित करता है कि नियोजित उक्त शिक्षकों द्वारा अन्य अज्ञात के साथ मिलीभगत कर फर्जी प्रमाण पत्र की कूटरचना कर अवैध रुप से नियोजन प्राप्त किया है। उन्होंने थानाध्यक्ष से फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों व अन्य अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान करने का अनुरोध किया है।