बिहार में अब 7279 हजार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति, BPSC से वेकेंसी, बिना बीएड और डीएलएड वाले इंटर पास अभ्यर्थी कर सकेंगे आवेदन, ऐसे करना होगा आवेदन…., अच्छी खासी मिलेगी वेतन 

बिहार में अब 7279 हजार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति, BPSC से वेकेंसी, बिना बीएड और डीएलएड वाले इंटर पास अभ्यर्थी कर सकेंगे आवेदन, ऐसे करना होगा आवेदन…., अच्छी खासी मिलेगी वेतन 

 

बिहार सरकार ने विशेष जरूरत वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के विभिन्न स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।

इन शिक्षकों की नियुक्ति से दिव्यांग और विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ सकेंगे।बिहार सरकार ने राज्य के प्रारंभिक स्कूलों (कक्षा 1 से 8) में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस नियुक्ति से राज्य के दिव्यांग और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

बिहार के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी होगा।कुल 7279 पदों पर विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं। जिनमें से 5534 प्राथमिक और 1745 मध्य विद्यालयों के लिए हैं। इन शिक्षकों को 9 तरह की विशेष जरूरतों वाले बच्चों को पढ़ाना होगा, जैसे दृष्टिबाधित बच्चे।

सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक अपने विवरण में सुधार कर सकते हैं।नियुक्त शिक्षक विभिन्न प्रकार की विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित आदि) को पढ़ाने में दक्ष होंगे। शिक्षा विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग को रिक्तियों की जानकारी भेजी है।सामान्य प्रशासन विभाग बीपीएससी को अधिसूचना भेजेगा।बीपीएससी योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित करेगा।

यह पहली बार है जब बिहार में विशेष शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जा रही है।इससे राज्य के दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था होगी।

सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक 4 नवंबर तक अपने जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं।राज्य में लगभग 10,000 शिक्षकों के नाम-आधार संख्या में त्रुटि होने के कारण उनकी काउंसिलिंग नहीं हो पाई थी। इस त्रुटि को सुधारने के बाद उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।

यह नियुक्ति बिहार के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार है और इससे राज्य के दिव्यांग बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मदद मिलेगी।

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