अटेंडेंस में ‘खेला’ करने वाले शिक्षकों की खैर नहीं, अब सीधा ऊपर से आया ऑर्डर; एक्शन तय
आए दिन ऑनलाइन दैनिक उपस्थिति में छेड़छाड़ करने वाले शिक्षकों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश सभी जिलों को दिया है। ऐसे शिक्षकों के मामले में तकनीकी जांच भी कराने को कहा गया है।
इस संबंध में मंगलवार को शिक्षा विभाग के निदेशक एवं अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे शिक्षकों द्वारा दैनिक उपस्थिति में छेड़छाड़ से संबंधित मामले को गंभीरता लें और तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
1 सितंबर से लागू हुई शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस
विभागीय निर्देश में कहा गया है कि एक सितंबर, 2024 से सभी शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति लागू है। यह शिक्षकों के लिए अनिवार्य है कि वे विद्यालय परिसर के 500 मीटर के भीतर ही उपस्थिति दर्ज करें और ई-शिक्षाकोष मोबाइल एप पर परिसर के 500 मीटर के भीतर का लाइव फोटोग्राफ खींचकर अपलोड करें।
ये फोटोग्राफ स्थायी रूप से विभागीय डेटाबेस में संग्रहित होते हैं और कभी भी देखे जा सकते हैं, लेकिन कुछ शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति में धोखाधड़ी करने का प्रयास किया गया है। फोटोग्राफ का अवलोकन करने पर यह पाया गया है कि कई शिक्षकों ने एक ही फोटोग्राफ बार-बार, कई दिनों तक अपलोड किया है।
कैसे कर रहे शिक्षक ‘खेला’?
इससे यह स्पष्ट होता है कि वो शिक्षनों ने उन दिनों विद्यालय में उपस्थित नहीं थे और किसी अन्य व्यक्ति ने पहले से खींचे गए फोटोग्राफ का उपयोग कर उपस्थिति दर्ज करायी है। कुछ शिक्षक अपनी उपस्थिति में विद्यालय परिसर के बाहर जैसे खेत या अन्य स्थानों से अस्पष्ट फोटोग्राफ अपलोड कर रहे हैं।
यह कार्य शिक्षक आचरण संहिता का उल्लंघन है, जो एक गंभीर अपराध है। ऐसे शिक्षकों के मामले की तकनीकी जांच करायी जा रही है। इसके बाद दोषी शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी और कार्रवाई संबंधित जानकारी उनकी सेवा पुस्तिका में भी शामिल की जाएगी।
नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों की वेतन विसंगती जल्द होगी दूर
राज्य के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की वेतन विसंगती जल्द ही दूर होगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का मूल वेतन उनके कनीय शिक्षक से कम है, उनका मूल वेतन बढ़ेगा।
विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एक अप्रैल, 2021 को देय वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी। इसके बाद फिर नवंबर, 2021 के प्रभाव से पे-मैट्रिक्स में बदलाव किया गया। पे-मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण में अगर किसी शिक्षक-पुस्तकालयाध्यक्ष का वेतन उनके जूनियर से कम तय हो गया है तो उनके मूल वेतन में बढ़ोतरी करें। ताकि, उनके कनीय के मूल वेतन के बराबर उनका मूल वेतन भी हो जाए।