आधार से जुड़े बिना भी छात्रों के खाते में भेजी जाएगी राशि, शिक्षा विभाग ने बदला फैसला

आधार से जुड़े बिना भी छात्रों के खाते में भेजी जाएगी राशि, शिक्षा विभाग ने बदला फैसला

 

बिहार के सरकारी स्कूलों में संचालित योजनाओं का लाभ पाने के लिए अब छात्रों का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से रखने कि बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।

यानी अब बच्चों को बिना आधार कार्ड के भी खाते में पैसे मिल जाएंगे। इसके लिए उन्हें अधिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस निर्णय के बाद शिक्षा विभाग ने अपने 6 माह पुराने निर्णय में बदलाव किया है जिसमें कहा गया था कि बिना आधार कार्ड के कोई फायदा नहीं मिलेगा।

राज्य के सरकारी विद्यालयों की पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को साइकिल, पोशाक, छात्रवृति आदि योजनाओं की राशि का भुगतान बिना आधार से जुड़े बैंक खत्म में भी होगा। विद्यार्थियों के आधार सीडिंग खातों की बेहद कम संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अपने पहले के फैसले में बदलाव किया है। इसके साथ ही कक्षा में 75% हाजिरी दर्ज करने वाले सभी छात्राओं को योजना की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया।

विभाग का लक्ष्य है कि फरवरी में सभी बच्चों के खाते में राशि का भुगतान कर दिया जाए। विभाग के नए फैसले से 80 लाख से अधिक उन बच्चों को लाभ होगा जो पूर्व की शर्तों पर योजनाओं की राशि से वंचित हो सकते थे। मतलब जिनके पास पहले से आधार कार्ड नहीं था। वहीं, इस नए निर्णय के अनुरूप शिक्षा विभाग बच्चों अथवा उनके अभिभावकों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। विभाग ने कक्षा में 75% अटेंडेंस दर्ज करने वाले एक करोड़ 15 लाख छात्र – छात्राओं की सूची एनआईसी को भेज दी है।

वही राशि के भुगतान सीधे बैंक खाते में चरणवार तरीके से किए जाएंगे। गौरतलब हो कि ई शिक्षा कोष पोर्टल पर सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या 1.80 करोड़ है। इधर राज्य के सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों के अभिभावक से इसका शपथ पत्र लिया जाएगा कि जिस योजना की राशि बच्चों को दी जा रही है उसमें ही वह खर्च करेंगे।

इसको लेकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा है। विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि स्कूली बच्चों के खाते में साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति और किशोरी स्वास्थ्य योजनाओं की राशि का भुगतान किया जा रहा है। इसको लेकर विद्यालयों में अभिभावक- शिक्षक बैठक कर सभी से शपथ पत्र लेना है। साथी एलाबामा विद्यालय टिप्पणी में भी हस्ताक्षर करेंगे जिसमें योजनाओं का पूरा बुरा अंकित रहेगा।

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