मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश को भी भूल गए शिक्षा विभाग के अधिकारी, या या CM के आदेश की की अनदेखी विभाग के अधिकारी, अब विभाग के इन अधिकारीयों पर विभागीय करवाई की प्रक्रिया हुई शुरू 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश को भी भूल गए शिक्षा विभाग के अधिकारी, या या CM के आदेश की की अनदेखी विभाग के अधिकारी, अब विभाग के इन अधिकारीयों पर विभागीय करवाई की प्रक्रिया हुई शुरू 

 

 

CM के आदेश को हीं भूल गए शिक्षा विभाग के अधिकारी, स्कूल की छात्राओं के साथ हो गया खेल…अब अफरा तफ़री मची

 

बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग लगातार कार्यरत है। एसीएस एस सिद्धार्थ हो शिक्षा मंत्री हो या फिर खुद सीएम नीतीश सभी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए दिशा निर्देश जारी करते हैं।

कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग को एक आदेश दिया था, हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग सरकार के इस आदेश को ही भूल गई। वहीं अब जब इस मामले का खुलासा हुआ तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है…?

दरअसल, मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना जिले में सिस्टम की लापरवाही का शिकार बनती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग से बालिकाओं की सूची मांगे जाने के बाद भी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया ठप पड़ी है। योजना के अंतर्गत 9 से 14 वर्ष की आयु की बालिकाओं को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) का टीका लगना था, लेकिन विभागीय तालमेल की कमी के चलते अब तक अधिकांश छात्राओं को वैक्सीन नहीं लग पाई है।

जानकारी के अनुसार, जिला शिक्षा पदाधिकारी (DPO) ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को 5 फरवरी को आदेश जारी कर कहा था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 9-14 वर्ष की छात्राओं की सूची तैयार करें और दो दिनों के भीतर स्वास्थ्य विभाग को भेजे। इसके लिए हर स्कूल में दो शिक्षकों को नोडल पदाधिकारी बनाकर सूची बनाने और अभिभावकों से टीकाकरण की अनुमति लेने की जिम्मेदारी दी गई थी।

लेकिन जिला से जारी आदेश प्रखंड स्तर पर ही दम तोड़ता नजर आया। ज़्यादातर स्कूलों से अब तक बालिकाओं की सूची शिक्षा विभाग को नहीं मिल पाई है। नतीजतन स्वास्थ्य विभाग को भी वैक्सीनेशन के लिए जरूरी आंकड़े नहीं मिल सके हैं। इस स्थिति ने पूरी योजना को अधर में लटका दिया है। अब बड़ा सवाल यह है कि जिन छात्राओं की उम्र जल्द ही 14 वर्ष पार कर जाएगी, वे वैक्सीनेशन से वंचित रह जाएंगी तो मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने सफाई दी कि पूर्व में कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं को वैक्सीन दी गई थी। बाकी स्कूलों की सूचियों का काम प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जिला स्वास्थ्य विभाग से कोई निर्देश आता है तो प्रखंड स्तर से समन्वय स्थापित कर टीकाकरण कराया जाएगा। लेकिन फिलहाल ज़मीनी हकीकत यह है कि विभागीय समन्वय की कमी के चलते योजना फाइलों में उलझ कर रह गई है, और लाभार्थी बच्चियां अब भी वैक्सीनेशन का इंतज़ार कर रही हैं।

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