ACS ने लिया कड़ा एक्शन, तीन प्रधानाध्यापक को किया सस्पेंड, चार शिक्षकों को मिला नोटिस, इस वजह से हुई कारवाई

ACS ने लिया कड़ा एक्शन, तीन प्रधानाध्यापक को किया सस्पेंड, चार शिक्षकों को मिला नोटिस, इस वजह से हुई कारवाई

 

जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही चार शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में शिक्षा विभाग की स्थापना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार अनुभव ने पत्र जारी किया है। जिले में हुई कार्रवाई के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

पहला मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बेलदारी हरिजन के मध्य विद्यालय का निरीक्षण किया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजय कुमार पर कोई ना कोई बहाना बनाकर विद्यालय से गायब रहने का मामला सामने आया। इस मामले में अनुशासनहीनता से लेकर लापरवाही और शिक्षण व्यवस्था के प्रति रुचि नहीं लेने में स्पष्टीकरण की मांग की गई, लेकिन स्पष्टीकरण संतोष पद नहीं मिलने के बाद इन्हे निलंबित कर दिया गया।इनका मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र पिपरासी बनाया गया।

डीपीओ पीएम पोषण योजना द्वारा 25 अप्रैल को नरकटियागंज के मध्य विद्यालय कन्या का निरीक्षण किया गया था। जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितता, बाल अधिकार का हनन के साथ पदाधिकारी व अन्य को कई गंभीर मामले में फंसाने की धमकी देने के मामले में स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, लेकिन स्पष्टीकरण का जवाब नहीं मिल पाया। इसके बाद इन्हें निलंबित करके इनका मुख्यालय ठाकराहा के प्रखंड संसाधन केंद्र में बनाया गया है।

वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह द्वारा 26 अप्रैल को चनपटिया प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बालक चनपटिया का निरीक्षण किया गया था। जहां पीएम श्री विद्यालय में संविलियन होने के बावजूद कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को शिफ्ट नहीं किया गया था। भंडार पंजी की प्रविष्टि नहीं थी। जिससे कि मामले में वित्तीय अनियमित का आरोप था। इस मामले में विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार तिवारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, लेकिन स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं मिलने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और उनका मुख्यालय ठकराहा कर दिया गया है।

इधर, डीपीओ एमडीएम द्वारा ही 7 मई को की गई जांच में बेलदारी उर्दू के मध्य विद्यालय के निरीक्षण में पाया गया कि शिक्षक रवि प्रकाश सागर कुमार तारकेश्वर ठाकुर और त्रिपुरारी शरण आपस में बैठकर गपशप कर रहे थे। विद्यालय में बच्चों को पठन-पाठन करने में कोई रुचि नहीं ले रहे थे। इस मामले में शिक्षकों से स्पष्टीकरण की मांग की गई, लेकिन स्पष्टीकरण का जवाब और संतोषजनक पाए जाने के बाद इन पर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया है।

अब इस कार्रवाई के बाद जिले के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

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