अब स्कूलों मे निर्माण कार्य की जिम्मेदारी हेडमास्टर व जिलाधिकारी को मिली, हेडमास्टर 50 हजार तो जिलाधिकारी 50 हजार से 50 लाख तक स्कूलों मे करा पाएंगे निर्माण कार्य व मोरम्मती कार्य, शिक्षा विभाग जारी किया पत्र
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में निर्धारित मानक के अनुरुप बड़े पैमाने पर शैक्षणिक आधारभूत संरचना का विकास कार्य किए जाएंगे। इसमें विद्यालय भवन, अतिरिक्त वर्ग कक्ष तथा पुस्तकालय के निर्माण कार्य शामिल हैं।
इसके लिए शिक्षा विभाग ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के उस आदेश को पलट दिया है, जिसके तहत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) एवं बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएसईआईडीसी) के अभियंत्रण कोषांग का एकीकरण हुआ था।
अब दोनों ही अभियंत्रण कोषांग अलग-अलग कार्य करेंगी। इसके मद्देनजर 50 हजार रुपये तक के निर्माण कार्य प्रधानाध्यापक, 50 हजार से अधिक और 50 लाख रुपये तक के कार्य जिलाधिकारी और 50 लाख रुपये से अधिक के कार्य बीएसईआइडीसी द्वारा कराया जाएगा।
इस संबंध में बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी की ओर से जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ)को निर्देश दिया गया है। इसकी प्रति शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस निर्देश के साथ सभी जिलाधिकारियों को भेजी है।
इसमें कहा गया है कि योजनाओं के चयन एवं प्राथमिकता निर्धारण हेतु समिति की बैठक अगस्त में ही आयोजित की जाए तथा सितंबर से योजनाओं का क्रियान्वयन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी गुणवत्ता की निगरानी
बीईपी की ओर से सभी डीईओ को दिए गए निर्देश के मुताबिक बीईपी और बीएसईआईडीसी का जिला स्तरीय अभियंत्रण कोषांग अब अलग-अलग कार्य करेगा।
योजनाओं का चयन एवं प्राथमिकता का निर्धारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। कमेटी द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी भी की जाएगी।
जिलाधिकारी की अनुपलब्धता में उप विकास आयुक्त कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। कमेटी के सदस्य सचिव जिला शिक्षा अधिकारी बनाए गए हैं।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान) एवं बीईपी के जिला कार्यालय में पदस्थापित सहायक अभियंता या कार्यपालक अभियंता सदस्य बनाए गए हैं।
ये होंगे निर्माण कार्य
शौचालयों की मरम्मती, शौचालय व पेयजल की व्यवस्था, रसोईघर का निर्माण, विद्युतीकरण, बेंच डेस्क की सुविधा, पुराने भवनों की मरम्मती, जीर्णोद्धार कार्य, अतिरिक्त वर्गकक्ष, कार्यालय एवं प्रयोगशाला सामग्री, नये विद्यालय भवन का निर्माण एवं चहारदीवारी के निर्माण।