प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों में वर्चस्व की जंग…अखाड़ा बने सरकारी स्कूल, पढ़ाई हो रही प्रभावित

प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों में वर्चस्व की जंग…अखाड़ा बने सरकारी स्कूल, पढ़ाई हो रही प्रभावित

 

क्षकों पर बच्चों को शिक्षित बनाने की जिम्मेदारी है। मगर, विद्यालयों में वर्चस्व की जंग चल रही है। आपसी गुटबाजी और मनमुटाव से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार के पैसे और मशीनरी का प्रयोग वर्चस्व बनाने में हो रहा है।

अधिकारी भी इसे रोकने में नाकाम हैं।

पहला मामला
प्राथमिक विद्यालय नौबरी में तीन शिक्षिकाओं और प्रधानाध्यापिका के बीच विवाद है। स्कूल में ताला लग गया। बच्चे पंचायत भवन में पढ़ने लगे। बीएसए ने प्रधानाध्यापिका रीना देवी को निलंबित किया। शनिवार को वह पति के साथ स्कूल पहुंचीं, लाठी-डंडे चले। जांच हुई तो सभी को दोषी पाया गया। हालांकि अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

दूसरा मामला
प्राथमिक विद्यालय ककुआ में इंचार्ज प्राध्यापिका मीना रावत पर शिक्षकों और शिक्षामित्रों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं। विद्यालय में तैनात तीन शिक्षामित्रों ने बीएसए से शिकायत की। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

तीसरा मामला
उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़ी हरलाल (कंपोजिट) ब्लॉक बरौली अहीर में कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका ने स्कूल के अध्यापक ओमकार व शानू पर अपशब्दों के इस्तेमाल, वीडियो बनाने का आरोप लगाया। इस मामले में पुलिस से भी शिकायत हुई थी।

निलंबन और बहाली का खेल
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों पर भी कार्रवाई होती है। इसके लिए शासन स्तर से नियम बनाए गए हैं। लघु दंड और दीर्घ दंड देने का प्रावधान है। लेकिन, जनपद में इसका दुरुपयोग हो रहा है। सांठगांठ करके, दीर्घ दंड देकर उसी स्कूल में बहाल कर देते हैं।

ये बोले खंड शिक्षा अधिकारी
खंड शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय व नगर क्षेत्र सुमित कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसका ध्यान रखा जाएगा। नए सत्र से सभी ब्लॉक में शिक्षकों को बुलाकर उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा।

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