बिहार मे फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बनने वाले पर फिर से देर शाम निगरानी विभाग ने दर्ज कराया FIR
इससे पहले पिछले महीने भी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर बहाल 20 शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।
दरअसल, पटना हाई कोर्ट के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बिहार में साल 2006 से 2025 के बीच बहाल नियोजित शिक्षकों के डिग्री की जांच कर रहा है। निगरानी अबतक 6 लाख से अधिक प्रमाण पत्रों की जांच कर चुकी है। इस जांच के दौरान प्रमाण पत्रों में भारी गड़बड़ी सामने आई। बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट की पुष्टि हुई।
जिसके बाद इस साल 31 मार्च तक कुल 1609 मामले दर्ज किए गए और 2814 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है। सत्यापन में प्रमाण पत्रों के फर्जी पाए जाने के बाद मार्च तक विभिन्न जिलों में 20 मामले दर्ज किए गए। इसी दौरान बीते 11 अप्रैल 2025 को राज्य के विभिन्न थानों में 21 मामले दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं।
बिहार के दरभंगा में एक, भोजपुर के दो, कैमूर के तीन, नालंदा के दो, सहरसा में एक, जमुई में एक और भागलपुर के 11 शिक्षकों के प्रमाण फर्जी पाए गए हैं। जिनके खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने केस दर्ज करने का निर्देश जारी किया है।