नियोजित शिक्षकों के नियमावली 2023 में सुधार हेतु शिक्षक नेता ई पुष्कर के 5 सुझाव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद से लिया संज्ञान , इन सुझावों को देखने के लिए अपने सचिव के CM ने दिया आदेश
शिक्षक नेता ई.आनंद पुष्कर द्वारा बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 में दिए गए सुझाव को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है। मालूम हो कि पिछले 30 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर आनंद पुष्कर ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023में संशोधन का प्रस्ताव दिया था।
सरकार ने इसका गंभीरता से संज्ञान लिया है। 5 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव ने बिहार के मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में उनके पत्र के आलोक में विचार करने का आग्रह किया है ।
ई. आनंद पुष्कर ने दिया सुझाव
1. कंडिका 3 में अंकित प्रवधान की जगह नियमावली प्रवृत्त होने की तिथि जगह विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे बशर्ते की साक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर जाएं । ” उपस्थापित किया जाना चाहिए।
2 . कंडिका ‘ प ‘ जिलों का आवंटन सक्षमता परीक्षा में उनकी मेघा क्रमांक के आधार पर करने का प्रावधान किया गया है ” के स्थान पर जिलो का आवंटन उनकी सेवा के कंडिका ‘7’ में वरीयता के लिए अंकित प्रावधानों के अनुसार करने का प्रावधान होना चाहिए”
3. सभी शिक्षकों को है सेवाकाल में पदोन्नति सुनिश्चित करने हेतु करने राज्यकर्मियों को देय ए. सी. पी. ( 10 साल , 20साल , 30 साल ) प्रदान किए जाने संबंधी प्रावधान कंडिका 9 में जोड़ा जाना चाहिये।
4. स्थानांतरण की कंडिका 10 में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने पर स्थानांतरण का केवल प्रावधान होना चाहिए , इच्छित जिला एवम् विद्यालय आवंटित नहीं होने पर कार्यरत विद्यालय में विशिष्ट शिक्षक के रूप में कार्य करने का प्रावधान होना चाहिए।
5. एक विद्यालय में सभी शिक्षकों के बीच विशिष्ट शिक्षक सेवा के आधार पर वरीयता मिलनी चाहिए।
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक की पात्रता हेतु आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम हू-ब-हू बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित TRE-1 एवं TRE-2 का ही है जो ऑफलाइन आयोजित की जा चुकी है। जबकि सक्षमता परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के माध्यम से ऑनलाइन किया जाना है जिस परीक्षा में लगभग 15-17 वर्षों से कार्यरत स्थानीय निकाय के शिक्षकों के शामिल नहीं होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
कंडिका 12(5) के तहत सक्षमता परीक्षा हेतु फॉर्म भरने के समय ही शिक्षक अभ्यर्थियों से तीन जिले के विकल्प की अनिवार्यता तय की गई है। जिसमें जिले का आवंटन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एवं विद्यालय का आवंटन विभाग द्वारा किया जाना है । इस संबंध में मुझे आपसे बात भी हुई थी अपने स्वयं संशोधन हेतु प्रस्ताव भी मांगा था। परंतु अभी तक विभाग के मुफस्सिल के पदाधिकारी ने इस पर कोई संशोधन नहीं किया और इसको जारी कर दिया है।
ऑनलाइन परीक्षा के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों को कंप्यूटर
ऑनलाइन परीक्षा के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों को कंप्यूटर पर अभ्यास करने हेतु नजदीकी शिक्षण संस्थानों यथा प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान / जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान / शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय / विद्यालय स्थित ICT लैब के साथ-साथ निजी कंप्यूटर संस्थानों में रात्रि 7:30 PM से 9:30 PM तक निर्धारित किया गया है जो दिन भर अध्यापन कार्य करने के पश्चात संभव नहीं है . इस तरह के आदेश जारी करना विभाग के पदाधिकारी के द्वारा यह मनसा व्याप्त हो रही है कि शिक्षकों को वह एक रन मशीन समझ रहे हैं । कृपया इस परीक्षा को ऑफलाइन मोड में कराए जाने का निर्देश अपने स्तर से विभाग को दिया जाए।
महोदय आपने स्वयं ऐतिहासिक गांधी मैदान में अपने संबोधन में यह बात कहा था कि शिक्षकों को बस एक मामूली और सामान्य परीक्षा देना है लेकिन विभाग द्वारा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट आधारित ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया और ऐच्किछ स्थानांतरण के बदले सामूहिक स्थानांतरण का प्रावधान किए जाने से संबंधित शिक्षक समुदाय अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। इस प्रकार की स्थानांतरण प्रक्रिया से शिक्षक शिक्षिकाओं को आवास की एवं आवागमन संबंधित असुविधा का भारी सामना करना पड़ेगा और अध्यापन कार्य के साथ-साथ शैक्षणिक माहौल भी बुरी तरह प्रभावित होगा।