फर्जी नियोजित शिक्षकों पर शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाईब, फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल 55 नियोजित शिक्षकों को किया गया सेवा मुक्त
नियोजन इकाई से जिले में बहस सभी 114 शिक्षकों को अब तक सेवा मुक्त नहीं किया जा सका इन सभी शिक्षकों को चिन्हित कर 15 दिनों में सेवा मुक्त करने का आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया था आलम यह है कि करीब एक महीने भी जाने के बावजूद 55 शिक्षकों को ही सेवा मुक्त किया जा
नियोजन इकाई जिला शिक्षा विभाग के निर्देशन को अनसुना कर रही है शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से अब तक दो बार ऐसे शिक्षकों को सेवा मुक्त करने को लेकर पत्र लिखा जा चुका है लेकिन इकाई इसे अन सुन कर रही है शिक्षा विभाग द्वारा जारी प्रदेश की सूची में शामिल 815 ऐसे शिक्षकों में से सबसे ज्यादा भागलपुर में 114 शिक्षक शामिल है यह शिक्षक जिलों में साल 2015 से 2023 तक में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे थे
गरीब एक दर्जन शिक्षकों को हाई कोर्ट से मिली थी क्लीन चीट
जिला शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार इन सभी 114 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है जबकि 55 शिक्षकों की बर्खास्तगी की जा चुकी है इनमें से गरीब एक दर्जन शिक्षकों को इस मामले में हाईकोर्ट से तो क्लीन सीट मिल गई थी स्थापना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा की निगरानी जांच में फर्जी पाए गए 114 नियोजित शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है अब तक 55 को तो बर्खास्त किया जा चुका है
प्रदेश में सबसे ज्यादा फर्जी शिक्षक भागलपुर जिले में हैं जिनकी संख्या 114 है
निगरानी की जांच में प्रदेश में 2126 नियोजित शिक्षक फर्जीवाड़ा के दोषी मिले हैं इनमें 1310 शिक्षकों की सेवा नियोजन इकाई ने पहले ही समाप्त कर दी थी राज्य में 815 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं जिनकी सेवा समाप्ति की करवाई लम्बित हैं । बर्खास्तगी की करवाई के लिए DEO ने सभी नियोजन इकाइयों सहित सभी BEO को मात्र 24 घण्टे में शिक्षकों की बर्खास्तगी की करवाई का आर्डर दिया है ।