बिहार के लाखों शिक्षकों ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा

बिहार के लाखों शिक्षकों ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा

बिहार शिक्षक एकता मंच सिवान एवं बिहार और राजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के पाठक पर मनमानी का आरोप लगाया है बताया गया है कि लोकतंत्र के महाप्रभु आम चुनाव के और मौके पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा कल लाखों शिक्षकों की साक्षरता परीक्षा की तिथि की घोषणा कर दी गई है

चुनाव के समय किसी भी नई नियुक्ति पदोन्नति परीक्षा की नई तिथि सरकार के द्वारा बनाया गया कोई नया नियम और वे सभी विषय जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनाव को प्रभावित करता है स्पष्ट रूप से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाना चाहिए उन्होंने बताया कि हम शिक्षक चुनाव के अभिनेता है या देश हमारा है या राज्य हमारा है हम अपने लोकतंत्र के महाप्रभु के निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न होने की हानि है हम शिक्षक हैं तो शिक्षा विभाग की बात करेंगे चुनाव आचार संहिता केवल शिक्षकों पर लागू नहीं है यह हर एक नागरिक पर लागू है चाहे वह कोई भी हो लेकिन प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री के के पाठक इससे ऊपर हैं

उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक समूह का ध्यान इन बिंदुओं पर जाना चाहिए ताकि चुनाव के अंडों के पर बिल्कुल मध्य में 26 अप्रैल से 5 में 2024 तक साक्षमता परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि की घोषणा आचार संहिता का उल्लंघन है यह अपने नियोक्ता सरकारी राजनीतिक दल को लाभ देने की कोशिश है एक तानाशाह की तरह अपर मुख्य सचिव श्री के के पाठक द्वारा कर्मी की छुट्टी में विद्यालय को खुला रखना पूरे लोकतांत्रिक व्यवस्था को खुली चुनौती है 30 दिन की गर्मी की अवकाश में रोज हजारों शिष्यों का वेतन काटना चुनाव आयोग को भी मुंह चढ़ा रहा है पहले अष्टमूतिन होने के बाद बच्चे अपने पसंद का विद्यालय चुनने के लिए स्वतंत्र थे लेकिन आज अपने ही पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन बडकरी है विशेष कर प्रस्तुति में पंचायत से अलग नामांकन जिला शिक्षा पदाधिकारी गण की अनुमति से हो सकेगा पूरे शिक्षा विभाग में खुद आप प्रमुख सचिव और कुछ अधिकारियों को छोड़कर अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी बेवजह के आदेशों से परेशान है शिक्षा विभाग को आबकारी विभाग समझ कर घर और व्यावहारिक आदेश जारी किया जा रहा है

इस पोस्ट के माध्यम से शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों राजनीतिक नेतृत्व करता हूं सामाजिक समूहों से कहना है अगर चुनाव के समय अत्याचार होता तो संघर्ष के लिए भी हम सब चुनाव जीतने का इंतजार नहीं करेंगे

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