के के पाठक के तमाम  कोशिश हो रहे है बेकार, अब भी नही सुधर रही हैं शिक्षा व्यवस्था , इस जिले के एक स्कूल के कारनामे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान, आखिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिली पाठक जी को जीता जागता सबूत , अब किया करेंगे के के पाठक 

के के पाठक के तमाम  कोशिश हो रहे है बेकार, अब भी नही सुधर रही हैं शिक्षा व्यवस्था , इस जिले के एक स्कूल के कारनामे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान, आखिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिली पाठक जी को जीता जागता सबूत , अब किया करेंगे के के पाठक 

 

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एक ओर जहां शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगे हैं तो वहीं अब भी कई ऐसी विद्यालय हैं जहां स्थिति बद से बदत्तर है। आज भी वहां बच्चों को शिक्षा के लिए उचित संसाधन नहीं है।

कहीं रुम नहीं तो कहीं बैंच नहीं, तो कहीं शिक्षक नहीं कहीं कहीं तो स्कूल तक नहीं रहता और बच्चे झोपड़ी में पढ़ाई करने को मजबूर होते हैं। ऐसा ही एक मामला जमुई से सामने आया है।

दरअसल, शिक्षा विभाग जहां बदलाव का दंभ भर रहा है। वहीं जमुई के सिकंदरा प्रखंड का सरसा उत्क्रमित मध्य विद्यालय अपने कायाकल्प होने का इंतजार कर रहा है। स्कूल की वास्तविकता जानकर आप हैरान हो जाएंगे। आपको बता दें इस विद्यालय में कुल आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई कराई जाती है वो भी सिर्फ एक कमरे में। हो गए न हैरान यह कारनामा कही और नहीं जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत सरसा गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में हो रहा है।

यहां बच्चे पेड़ की छाव में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। शिक्षा विभाग के एसीएस के के पाठक जहां एक ओर जिलों का भ्रमण कर रहे है साथ ही युद्धस्तर पर स्कूल में मूलभूत सुविधाओं पर भी काम करवा रहे है। वहीं इसके विपरित स्कूलों की दशा जस की तस बनी हुई है। जिसका खामियाजा स्कूल के बच्चे इस कड़ी धूप में अभी तक उठा रहे है।

ऐसे में शिक्षा विभाग में बड़े बदलाव की बात कहना बेमानी नजर आ रही है। जरूरत है सरकार को शिक्षा और शिक्षण संस्थानों में बेहतर सुविधा के साथ साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान देने की। अब देखना है की इस खबर के बाद शिक्षा विभाग की कुंभकर्णी नींद टूटती है की नहीं। इन बच्चों के लिए विद्यालय और अगल अगल क्लासों की व्यवस्था हो पाती है या नहीं।

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