के के पाठक ने शिक्षकों के लिए CM नीतीश के आदेश मैं करवाया संशोधन, फिर एक बार CM से ऊपर दिखे के के पाठक पावर
बिहार में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है और प्रदेश के कई जिलों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार चला गया है. बुधवार को औरंगाबाद में 48 से अधिक तो गया में 47 के ऊपर टेंपरेचर रिकॉर्ड किया गया.
इस बीच बिहार में भीषण गर्मी और लू के चलते बुधवार की शाम सीएम के आदेश पर सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. 30 मई से 8 जून तक स्कूल बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस संबंध में मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने आदेश पत्र जारी किया है. लेकिन, अब खबर है कि इस आदेश पत्र में कुछ संशोधन किया गया है और यह केवल बच्चों के स्कूल नहीं आने के लिए ही लागू होगा. शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी गई है और उन्हें स्कूल आना होगा.
बता दें कि मौसम विभाग ने अगले 2 दिन बिहार के लिए हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. लेकिन, सीएम नीतीश के स्कूल बंद करने के आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है. सूत्र बताते हैं कि इसको लेकर मुख्य सचिव और केके पाठक के बीच बातचीत हुई जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सिर्फ शिक्षण कार्य बंद रखने पर सहमति जताई है, लेकिन उन्होंने कहा है कि शिक्षक पहले की तरह स्कूल आएंगे और सिर्फ बच्चों के लिए 8 जून तक राहत मिली है. बच्चों की छुट्टी पर केके पाठक ने सहमति जताते हुए सभी डीईओ को आदेश दिया है.
केके पाठक के आदेश से शिक्षकों में गुस्सा
बताया जा रहा है कि केके पाठक से बातचीत के बाद ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों के नाम पत्र जारी हुआ है. इस आदेश के तहत शिक्षक पहले की तरह स्कूल आएंगे और रोज अधिकारी भी स्कूलों का इंस्पेक्शन करेंगे. इस बीच शिक्षकों को छुट्टी नहीं दिये जाने को लेकर शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया है. शिक्षक संघ की ओर से कहा गया है कि क्या हीट वेव से शिक्षक प्रभावित नहीं होंगे. अगर स्कूलों में बच्चे नहीं तो फिर शिक्षकों को बुलाने की क्या जरूरत है. शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिक्षकों को भी राहत देने की मांग की है.
आठवीं क्लास तक टाइमिंंग में हुआ था बदलाव
बता दें कि इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कक्षा 1 से 8 तक स्कूलों के टाइमिंग में बदलाव किया था. सीएम ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया था कि भीषण गर्मी और लू की चपेट से राज्य में आपदा की स्थिति बन रही है. आवश्यकतानुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने के संबंध में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित ना हो.
राज्यपाल ने भी मुख्य सचिव से की थी बात
सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया था कि वे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आयोजित कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अन्य आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें. इससे पहले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भीषण गर्मी के कारण स्कूली बच्चों के बीमार होने की सूचना पर राज्य के मुख्य सचिव से फोन पर बातचीत की थी जिसके बाद स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी हुआ था, लेकिन अब इसमें फिर संशोधन हो गया.
बिहार के स्कूलों में 100 से अधिक बच्चे हुए बेहोश
बता दें कि बिहार में भीषण गर्मी के बीच बिहार के सरकार स्कूलों में कक्षाएं चल रही थीं 10 से अधिक जिलों में बुधवार को गर्मी से स्कूलों में 100 से भी अधिक बच्चे बेहोश हो गए. इनमें से कई का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. जिन जिलों में बच्चे बीमार हुए हैं, वहां का तापमान 45 डिग्री के पार है. बच्चों के बीमार होने के बाद पूरे बिहार में अभिभावकों में आक्रोश था और वे स्कूल बंद करने की मांग कर रहे थे.