ई शिक्षकोष में तकनीकी खराबी के चलते टेंशन में है लाखों शिक्षक समय पर नहीं बन रहा है ऑनलाइन हाजिरी शिक्षकों को सता रहा है वेतन काटने का डर
1 अक्टूबर से आई शिक्षकोष पर हाजिरी बनाना विभाग ने अनिवार्य कर दिया है शिक्षकों की लेते अतिथि पर अंकुश लगाने व छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मौर्य करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न तरह के प्रयोग किया जा रहे हैं
विभाग द्वारा ही शिक्षा कोर्स एप्लीकेशन से शिक्षकों को हाजिरी बनाने का फरमान जारी किया गया है विभाग का यह प्रमाण शिक्षकों के लिए परेशानी का सदैव बन गया है मालूम हो कि जिले में 25 जून से ही ट्रायल के रूप में इस शिक्षा को एप्लीकेशन पर शिक्षकों की हाजिरी बना रही है इस कारण कई शिक्षक ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन में अपने हाजी बना रहे हैं
1 सितंबर से सभी सरकारी शिक्षकों के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया गया है एप्लीकेशन से हाजिरी बनाने वाले शिक्षकों का ही अक्टूबर माह के वेतन का भुगतान होगा इसमें नियमित नियोजित बीएससी शिक्षक के अलावा मदरसा संस्कृत विद्यालय के करीब 15000 गुरुजी शामिल हैं
ऑनलाइन हाजी नहीं बनने पर अगले अक्टूबर माह से वेतन नहीं मिल सकेगा शिक्षा विभाग की स्थापना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया है की शान द्वारा संचालित सभी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी बनाना अनिवार्य कर दिया गया है
का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है शिक्षक समय से विद्यालय पहुंच जा रहे हैं इसके बावजूद भी एप्लीकेशन काम नहीं करने से वह समय से हाथ ही नहीं लगा पाते हैं वहीं अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा के स्कूल के समय अटेंडेंस बनाने में व्यस्त रहते हैं जिसके चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है
स्कूल में होने पर भी दूर बता रहा है एप्लीकेशन
हाजिरी बनाने के उद्यापन में लगे शिक्षकों ने बताया कि एप्लीकेशन काम नहीं कर रहा है मोबाइल नेटवर्क की समस्या से एप्लीकेशन नहीं खुल रहा है स्कूल में रहने के बावजूद भी निर्धारित रेंज 500 मीटर की दूरी से अधिक बता रहा है शिक्षक सुबह से लेकर स्कूल बंद होने की समय तक हाजिरी बनाने की जगत में लगे रहते हैं कोई शिक्षक सिद्धि के सहारे स्कूल की छत पर चढ़कर नेटवर्क वह लोकेशन आने का इंतजार में लगे रहते हैं
स्कूल इन और आउट एक ही समय में दर्शा रहा है मोबाइल एप्लीकेशन
शिक्षकों का कहना है कि अटेंडेंस लगने के बावजूद भी परेशानी कम नहीं हो रही है स्कूल के इन और आउट का समय एक ही दिखाई दे रहा है शाम 4:30 बजे आउट होने के बाद भी स्कूल का समय वही दिखाई दे रहा है
संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी खराबी के चलते स्कूल इन और आउट एक ही समय दिख रहा है सुबह के हाजिरी बनाने के बाद यदि कोई शिक्षक आउट हो रहा है तो उसमें भी कुछ सेकंड का समय लगेगा एप्लीकेशन किसी कमी से शिक्षक तनाव में आ जाते हैं जिसके चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है
इस मुद्दे पर सेवानिवृत शिक्षक रामनरेश द्विवेदी का कहना है कि सरकारी विद्यालयों को सरकार ने प्रयोगशाला बना दिया है अधिकारियों की वजह से शिक्षा का तारा दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है पहले इस तरह की व्यवस्था नहीं थी हम लोगों के जमाने में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती थी शिक्षक भी समय से स्कूल आ जाते थे लेकिन आज तो हालात हद से ज्यादा बत्तर हो चुकी है