बिहार के ‘मास्टर साहब’ को करना होगा ये काम, ACS एस सिद्धार्थ ने जारी किया आदेश, देनी होगी ये जानकारी…
हार सरकार पिछले कुछ सालों से बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार कुछ न कुछ प्रयोग कर रही है। जिसके लिए बिहार के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में कई परिवर्तन हुए।
बिहार के सरकारी स्कूलों के आधारभूत संरचना में काफी बदलाव किया गया। विद्यालयों में छात्रों के तकनीकी शिक्षा को बेहतर करने कंप्यूटर लैब बनाए गए । बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए स्कूलों में विज्ञान के प्रयोगशाला बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग विद्यालय आने वाले छात्रों के सेहत को ध्यान में रखते हुए उनके खान- पान के लिए एक बड़ा आदेश दिया है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया है कि स्कूल आने वाले छात्र जो कुपोषित है या फिर शारिरिक रूप से कमजोर है उस पर शिक्षकों को विशेष ध्यान देना है। कमजोर और कुपोषित बच्चों की पहचान करने की दायित्व वर्ग शिक्षक को दिया गया है। इसके अलावा विद्यालय के शिक्षकों को इस बात की जानकारी भी ऱखनी होगी कि विद्यालय आने वाले छात्र क्या खाकर आए हैं? और स्कूल के मेनू के अनुसार उनको सही तरीके से मध्याह्न भोजन मिल रहा है या नहीं? इसके अलावे स्कूल के शिक्षकों को शारिरिक रूप से कमजोर औऱ कुपोषित बच्चों की पूरी जानकारी रखनी होगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश के मुताबिक बच्चों के पोषण और उन्हें कुपोषण से दूर करने के लिए पीएम पोषण योजना के तहत पूरे प्रदेश के प्रारंभिक स्कूलों में स्वस्थ मध्याह्न भोजन खिलाया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने सभी डीईओ को विद्यार्थियों के शारिरिक व मानसिक विकास के लिए विद्यालय में स्वस्थ माहौल तैयार करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य जांच की ट्रैकिंग अब मध्याह्न भोजन योजना से करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय स्तर पर रोजाना बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन खाने वाले बच्चों की संख्या के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट और खिलाई जाने वाली दवा के विवरण का भी विभागीय पोर्टल पर प्रविष्टि की जाएगी।
इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में राज्य स्तरीय बैठक में एमडीएम निदेशक योगेन्द्र सिंह ने सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। बता दें कि बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों को सही पोषण के लिए प्रतिदिन मध्याह्न भोजन दिया जाता है। भोजन का मेनू हर दिन अलग – अलग रहता है। लेकिन कई जगह से आए दिन खबरें आती रहती है कि भोजन की गुणवत्ता सही नहीं है। अब फिर एक बिहार के सरकारी स्कूल में छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा नया निर्देश दिया गया है। अब देखना होगा सरकारी आदेशों से इतर अपर मुख्य सचिव के इस आदेश का जमीन पर कितना पहला होगा।