विधान परिषद में के.के पाठक के आदेश को पलटा, शिक्षा मंत्री का ऐलान, शिक्षकों के साथ अब कभी नहीं होगा ऐसा…..
बिहार विधान परिषद में शिक्षकों के मुद्दे पर भारी बवाल हुआ है। शिक्षकों के सवाल पर विपक्ष और सत्ता पक्ष एक साथ मिलकर बिहार सरकार को घेरे हैं। वहीं सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के बाद आखिरीकर नीतीश सरकार झूक गई है और कहा है कि जिन शिक्षकों का पैसा काटा गया है उन्हें वो पैसा लौटा दिया जाएगा।
दरअसल, के. के पाठक जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे तब उन्होंने कहा था कि जो शिक्षक आंदोलन करेंगे उनका वेतन काटा जाएगा। वहीं के.के पाठक के आदेश के अनुसार वीडियो देखकर शिक्षकों का 15 दिन का वेतन काट लिया गया था।
वहीं अब इसको लेकर विधान परिषद में भारी हंगामा हुआ है। वहीं शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि, वो इस मामले में जांच करेंगे। जिन भी शिक्षकों की वेतन काटी गई है उनको वापस दिया जाएगा। दरअसल, जेडीयू एमएलसी डॉक्टर संजीव कुमार ने शिक्षकों के वेतन कटौती पर सवाल उठाया उनका कहना है कि पदाधिकारी का वेतन की कटौती नहीं होती है लेकिन शिक्षकों की वेतन काटी जाती है। ऐसे में सरकार पर सवाल उठते हैं उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा की जाए निदेशक माध्यमिक और निदेशक प्राथमिक शिक्षा पदाधिकारी से मांगा जाए किस आधार पर उन्होंने वेतन की कटौती की है।
उन्होंने कहा कि मेरे पास सबूत है शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे निर्दलीय एमएससी महेश्वर हजारी ने कहा कि शिक्षकों के वेतन कटौती के बारे में बात हो रही है। मंत्री ने इस सदन में स्वीकार किया कि कोई कटौती नहीं की जाएगी उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। जेडीयू MLC नीरज कुमार ने कहा कि सरकार के नेतृत्व में लोगों को नौकरी दी गई लेकिन वेतन कटौती 15 15 दिन का वेतन कटौती कर दिया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बहुत सारे पिटीशन आए हैं इस संदर्भ में और हम लोग जिला वार समीक्षा कर रहे हैं। कई कई जगह रिलीज भी कर दिया है। उनको एग्जास्ट भी किया है जो शेष जिले रह गए हैं। मुंगेर और अन्य जिलों में उसकी समीक्षा कर लेंगे और निश्चित रूप से ऐसा अगर कोई मामले आए हैं अगर कोई अन्य जिलों में है तो तो बाकी का काम हम कर लेंगे दिसंबर माह में ही कर लेंगे।