बिहार में सभी शिक्षकों के लिए 13 गाइडलाइंस जारी
बिहार में सरकारी शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं, जिनका पालन सभी शिक्षकों को करना अनिवार्य होगा। यदि शिक्षक इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो शिक्षा विभाग द्वारा कड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
इन गाइडलाइंस में कई महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख किया गया है जिन्हें शिक्षकों को अपनी कार्यशैली में लागू करना होगा। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना और स्कूलों में अनुशासन बनाए रखना है।
शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइंस में शामिल प्रमुख बिंदु:
1 .समय पर विद्यालय पहुंचना: शिक्षक विद्यालय प्रबंधन के तहत कक्षा प्रारंभ के 10 मिनट पहले विद्यालय पहुंचेंगे। इससे कक्षा के समय का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
2 .ई-शिक्षाकोष के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना: शिक्षक अपने विद्यालय परिसर में ई-शिक्षाकोष के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, जिससे उनके कार्यदिवस की शुरुआत सही तरीके से होगी।
3 .शिक्षण योजना पर विमर्श: शिक्षक प्राचार्य के साथ बैठकर उस दिन की शिक्षण योजना पर विमर्श करेंगे, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और दिशा सुनिश्चित की जा सके।
4 .चेतना सत्र में सक्रिय भागीदारी: शिक्षक छात्रों को अनुशासित रखने के लिए चेतना सत्र में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इसके तहत नैतिक मूल्यों पर भी चर्चा की जाएगी।
5 .कक्षा प्रबंधन और उपस्थिति: कक्षा के दौरान हर दिन तिथि, विषय और उपस्थित-अनुपस्थित बच्चों की संख्या अंकित की जाएगी। कक्षा की सफाई भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि बच्चों को साफ और स्वच्छ वातावरण मिले।
6 .कक्षा में अधिक छात्रों का प्रबंधन: यदि कक्षा में छात्रों की संख्या अधिक है, तो कक्षा को सेक्शन में विभाजित किया जाएगा, जिससे प्रत्येक छात्र को बेहतर ध्यान और शिक्षा मिल सके।
7 .कक्षा बैठने का तरीका: छोटे बच्चों को पहली पंक्ति में बैठाया जाएगा और बड़ी कक्षाओं के बच्चों को वरीयता क्रम से पीछे बैठाया जाएगा। इससे छोटे बच्चों को शिक्षक से बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।
8 .पाठ योजना का पालन: शिक्षक पाठ योजना का कड़ाई से पालन करेंगे। इसके अलावा, अभ्यास पुस्तिका और लेखन पुस्तिका को अद्यतन करना अनिवार्य होगा।
9 .साप्ताहिक परीक्षण: हर सप्ताह बच्चों का वीकली टेस्ट लिया जाएगा, जिसे शिक्षक खुद तैयार करेंगे या क्वेश्चन बैंक से लिया जाएगा। इससे छात्रों की समझ का मूल्यांकन किया जा सकेगा।
10 .पाठ्य पुस्तकों पर ध्यान: कक्षा में पाठ्य पुस्तकों के पठन पर विशेष बल दिया जाएगा, जिससे छात्रों की बुनियादी शिक्षा सुदृढ़ हो सके।
11 .अंग्रेजी भाषा में कौशल विकास: शिक्षक छात्रों में अंग्रेजी भाषा के संप्रेषण कौशल का विकास करेंगे, ताकि वे अंग्रेजी में भी सहज रूप से संवाद कर सकें।
12 .प्रोग्रेस कार्ड और होमवर्क: हर तीन माह पर बच्चों को प्रोग्रेस कार्ड दिया जाएगा, जिससे उनके शैक्षिक विकास की स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके। इसके साथ ही, बच्चों को नियमित रूप से होमवर्क दिया जाएगा, ताकि वे अपनी पढ़ाई में लगातार सुधार कर सकें।
13 .पाठ योजना की तैयारी: शिक्षक हर दिन स्कूल छोड़ने से पहले अगले दिन की पाठ योजना तैयार करेंगे, ताकि अगले दिन की कक्षा सुचारू रूप से चल सके और समय की बर्बादी न हो।