नीतीश के लाडले विधायक ने घर में घुसकर शिक्षक को सटाया पिस्टल,पूछा कब मरना चाहते हो मादर#@..मुकदमा हुआ दर्ज
बिहार के भागलपुर जिले के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। गोपाल मंडल अपने विवादास्पद बयानों और बड़बोले स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
हालिया घटनाक्रम के चलते उनके खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई की गई है।
हालांकि, गोपाल मंडल अक्सर अपने बयानों और कार्यों को लेकर चर्चा में रहते हैं। उनकी छवि एक ऐसे नेता की है, जो अपने स्पष्ट और बेबाक बयानों के कारण विवादों में बने रहते हैं। अभी तक इस मामले में विस्तृत जानकारी और आरोपों के बारे में ज्यादा स्पष्टता नहीं आई है, लेकिन इसका राजनीतिक और कानूनी असर देखने को मिल सकता है।
भागलपुर जिले के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल के खिलाफ एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। आवेदक सुनील कुमार, जो पेशे से शिक्षक हैं और भागलपुर के बरारी क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं, ने यह शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विधायक गोपाल मंडल और उनके साथियों ने सुनील कुमार के घर में जबरन घुसकर उन्हें और उनके परिवार को धमकाया और गाली-गलौज की।
पहली घटना: 12 फरवरी 2025 को सुबह करीब 10 बजे गोपाल मंडल अपने साथियों के साथ हथियारों से लैस होकर सुनील कुमार के घर पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने सुनील कुमार को घर खाली करने की धमकी दी और गाली-गलौज के साथ मारपीट भी की। विधायक गोपाल मंडल ने धमकी दी कि अगर घर खाली नहीं किया गया, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
दूसरी घटना: 22 फरवरी 2025 को फिर से विधायक गोपाल मंडल और उनके साथी हथियारों के साथ सुनील कुमार के घर पहुंचे और उन्हें गालियां दीं। इस बार धमकी दी गई कि अगर उन्होंने घर खाली नहीं किया, तो उनके पूरे परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा।शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि विधायक ने कहा कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता और वह पुलिस से भी नहीं डरते।
शिकायतकर्ता सुनील कुमार ने FIR में मांग की है कि उनके और उनके परिवार के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और विधायक और उनके साथियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने अपने परिवार को गोपाल मंडल के आतंक से बचाने की गुहार लगाई है, क्योंकि उन्हें किसी भी समय कोई अप्रिय घटना होने का डर है। यह मामला अब पुलिस के संज्ञान में हैऔर आवेदक ने न्याय और सुरक्षा की मांग की है। जांच के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।