शिक्षकों को अपशब्द कहने वाले अधिकारी होंगे सस्पेंड, बत्तामीजी करने वाले अधिकारी की सेवा से हो जावगी बरखास्तगी, ACS ने इस संबंध मे आदेश किया जारी
शिक्षक को तुम त्राक कहने वाले अधिकारी होंगे सस्पेंड, ACS ने जारी किया ऑडर, शिक्षकों को ससमय वेतन भुगतान करने का अधिकारीयों को दिया आदेश अन्यथा DEO, DPO को नहीं मिलेगा वेतन
दरअसल, , बीपीएससी की पहली अध्यापक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-वन) के एक शिक्षक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ को पत्र लिखा है। पत्र लिखने वाले शिक्षक ने अपना नाम तो नहीं लिखा है, लेकिन उसे पढ़ कर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव भावुक होकर उसमें उठाए गए सवालों पर सोचने के लिए विवश हो गए।
शिक्षक ने अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव से कहा है कि आप शिक्षकों को ”आप” कह कर संबोधित करते हैं, उन्हें पूरा सम्मान देते हैं, लेकिन डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी), डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) और उनके कार्यालयों के अधीनस्थ क्लर्क उन्हें ”तुम” कहते हैं, अपमानित करते हैं। चढ़ावा चढ़ाने के लिए विवश करते हैं।
शिक्षक ने अपने पत्र में आगे लिखा कि डीईओ और डीपीओ के कार्यालय में जाना शिक्षकों की विवशता है। उन्हें वेतन, बकायों और सेवा संबंधी दूसरे कार्यों के लिए उन कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसी व्यवस्था की जाए कि शिक्षकों को डीईओ और डीपीओ के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े।
शिक्षक की बातों को अपर मुख्य सचिव उसे शिक्षा की बातः हर शनिवार कार्यक्रम में रखा। इस कार्यक्रम में पत्र को भी पढ़ा गया, ताकि शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारी अपनी छवि उस आईने में देख सकें। पत्र में वेतन में देरी, डीईओ-डीपीओ का दुव्यर्वहार, रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठाये गए हैं।
विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया है कि ऐसे व्यवहार करने वाले पदाधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई किया जाएगा।
ग्रुप डी के कर्मचारियों को रखा गया मुक्त
शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक अब शिक्षकों के वेतन भुगतान के बाद ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं उनके कार्यालयों के अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। इस आदेश से सिर्फ ग्रुप डी के कर्मचारियों को मुक्त रखा गया है।
एस सिद्धार्थ को डाक से मिला पत्र
दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग की पहली अध्यापक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-वन) से नियुक्त होकर कार्य कर रहे एक शिक्षक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ को पत्र लिखा है। यह पत्र उन्हें शुक्रवार की डाक में मिला। पत्र लिखने वाले शिक्षक ने अपना नाम तो नहीं लिखा है, लेकिन उसे पढ़ कर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव भावुक होकर उसमें उठाए गए सवालों पर सोचने के लिए विवश हो गए।
अधीनस्थ क्लर्क उन्हें ”तुम” कहते हैं
शिक्षक ने अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव से कहा है कि आप शिक्षकों को ”आप” कह कर संबोधित करते हैं, उन्हें पूरा सम्मान देते हैं, लेकिन डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी), डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) और उनके कार्यालयों के अधीनस्थ क्लर्क उन्हें ”तुम” कहते हैं, अपमानित करते हैं। चढ़ावा चढ़ाने के लिए विवश करते हैं।
कार्यालय में जाना शिक्षकों की विवशता
डीईओ और डीपीओ के कार्यालय में जाना शिक्षकों की विवशता है। उन्हें वेतन, बकायों और सेवा संबंधी दूसरे कार्यों के लिए उन कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसी व्यवस्था की जाए कि शिक्षकों को डीईओ और डीपीओ के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े।
रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठाये
अध्यापक की भावना एवं उनके द्वारा पत्र में उठाए गए सवालों से अपर मुख्य सचिव उसे शिक्षा की बातः हर शनिवार कार्यक्रम में रखने के लिए विवश हो गए। इस कार्यक्रम में पत्र को भी पढ़ा गया, ताकि शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारी अपनी छवि उस आईने में देख सकें। पत्र में वेतन में देरी, डीईओ-डीपीओ का दुव्यर्वहार, रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठाये गए हैं।
एसीएस ने समझी शिक्षकों की वेदना
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मैंने इस पत्र को कई बार पढ़ा है और शिक्षकों की वेदना को पूरी तरह समझा है। उन्होंने ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा, तब तक शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों (ग्रुप-डी को छोड़कर) को वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों को तंग करने या वेतन रोकने की शिकायत आयी, तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।