बिहार मै शिक्षा विभाग करने जा रही है एक और नया प्रयोग, जिसे देख सभी लोग करेंगे तारीफ, बच्चों का होगा सम्पूर्ण विकास
बिहार के सरकारी स्कूलों में हर शनिवार को पीटीएम का आयोजन लंबे समय से होता रहा है, लेकिन उसकी प्रभावशीलता कई बार सवालों के घेरे में रही है।
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एक वार्षिक पीटीएम कैलेंडर जारी किया है। इसका उद्देश्य है कि पूरे राज्य में एकरूपता के साथ, प्रभावशाली पीटीएम आयोजित हो और बच्चों की शिक्षा में अभिभावकों की भागीदारी बढ़े।
शिक्षा विभाग की प्रमुख बातें
हर महीने के अंतिम शनिवार को पीटीएम आयोजित किया जाएगा।
हर माह के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की गई है।
ज़िला शिक्षा पदाधिकारियों को विस्तृत पत्र भेजा गया है।
पीटीएम से पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा शिक्षकों को मार्गदर्शन मिलेगा।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कैलेंडर में प्रत्येक पीटीएम की थीम तय की गई है, ताकि चर्चा केंद्रित और उपयोगी बनी रहे।
तिथि थीम
31 मई पढ़ेंगे, बढ़ेंगे और सीखेंगे हम
28 जून उपस्थिति और सरकारी योजनाएं
26 जुलाई व्यावसायिक कौशल, स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण
30 अगस्त खेलो और सीखो
27 सितंबर निपुण बनेगा बिहार हमारा
25 अक्टूबर (छुट्टियों के कारण पीटीएम नहीं)
29 नवंबर हर बच्चा होगा अब स्कूल का हिस्सा
24 दिसंबर हरेक बच्चा श्रेष्ठ बच्चा
31 जनवरी हम और आप मिलकर करेंगे बच्चों का समग्र विकास
28 फरवरी परीक्षा की तैयारी, हमारी जिम्मेदारी
29 मार्च प्रवेश से प्रगति तक, विद्यालय और अभिभावक साथ-साथ
इन थीमों के ज़रिये बच्चों की पढ़ाई, उपस्थिति, पोषण, परीक्षा, समग्र विकास और शासन की योजनाओं से संबंधित बिंदुओं पर गहन चर्चा हो सकेगी।
को बनाना है ज्यादा प्रभावी: शिक्षा विभाग के निर्देश
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई जगहों पर पीटीएम एक औपचारिकता मात्र बनकर रह गया है। कहीं माता-पिता नहीं आते, तो कहीं शिक्षकों की ओर से सूचना ही नहीं दी जातीइसीलिए सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे पूर्व सूचना दें।हर स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि थीम आधारित चर्चा हो।विद्यालय प्रमुख हर महीने फीडबैक और उपस्थिति रिपोर्ट भेजेंगे।
इस नई पहल में अभिभावकों को स्कूल के वातावरण और संसाधनों से परिचित कराने का भी प्रावधान है।शिक्षक कई जरूरी मुद्दों को लेकर चर्चा करेंगे, जिसमें बच्चों की पढ़ाई और उपस्थिति रिपोर्ट,पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, शौचालय, पिंक रूम आदि की स्थिति,मिड-डे मील, पोषण वाटिका और खेल मैदान की जानकारी,विद्यालय में उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे मिल रहा है?इससे अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भागीदारी का अनुभव मिलेगा, जिससे उनका भरोसा और सहयोग दोनों बढ़ेंगे।