बिहार मे इतनी बड़ी संख्या मे जा सकती है शिक्षकों की नौकरी, शिक्षा विभाग ने इनके वेतन पर लगाई रोक, 

बिहार मे इतनी बड़ी संख्या मे जा सकती है शिक्षकों की नौकरी, शिक्षा विभाग ने इनके वेतन पर लगाई रोक, 

 

इसी ऐप पर शिक्षकों को अपनी हाजिरी लगानी होती है। शिक्षा विभाग ने ऐसा फर्जी हाजिरी बनाने से रोकने के लिए किया था लेकिन अब शिक्षक ई-शिक्षा ऐप पर भी फर्जी हाजिरी लगाने लगे हैं। इसी कड़ी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए विभाग न 10 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है।

दरअसल, पूरा मामला रोहतास जिले का है। जहां ई-शिक्षा कोष ऐप के माध्यम से फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के मामले में शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने बिना विद्यालय में उपस्थिति दर्ज किए वेतन लेने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं हुआ तो सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।

जांच में सामने आया कि करगहर प्रखंड के 10 शिक्षक विद्यालयों में बिना उपस्थित हुए ही ई-शिक्षा कोष ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। इस अनियमितता का खुलासा विभागीय जांच के दौरान हुआ। मध्य विद्यालय, बसतलवा के संतोष कुमार सिंह, अकोढ़ी मध्य विद्यालय की खुशबू कुमारी व मयूरी गुप्ता, मध्य विद्यालय, शाहमल खैरा के धनंजय पासवान, तोरनी मध्य विद्यालय के दिलीप कुमार, मध्य विद्यालय, बकसड़ा के सनी राजवंता और मध्य विद्यालय बिशोडिहरी की प्रधानाध्यापिका मीना देवी ने ई-शिक्षा ऐप पर फर्जी हाजिरी लगाई है।

डीईओ ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि शैक्षणिक वातावरण को बहाल करने और शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ई-शिक्षा ऐप से उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। लेकिन नियमों की अनदेखी कर कुछ शिक्षक फर्जी हस्ताक्षर कर वेतन प्राप्त कर रहे थे, जो गंभीर कदाचार है।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) मनोज राम ने बताया कि सभी शिक्षकों से मई 2025 में दर्ज उपस्थिति रिपोर्ट के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने कहा कि विभागीय निर्देशानुसार, शिक्षक के रूप में दायित्वों का निर्वहन न करने, विभाग को गुमराह करने और वेतन हड़पने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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