12 से 14 के फेरे मे फंसे हेडमास्टर साहब, अब इन हेडमास्टर साहब की जा सकती है नौकरी भी, DEO साहब ने थमाया सोकॉज नोटिस, 

12 से 14 के फेरे मे फंसे हेडमास्टर साहब, अब इन हेडमास्टर साहब की जा सकती है नौकरी भी, DEO साहब ने थमाया सोकॉज नोटिस, 

 

 

काउंटर सिग्नेचर करने के दौरान नामांकन पंजी की जांच में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा गलती पकड़ ली गई।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस पर सख्त रूख अख्तियार करते हुए स्कूल के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछा है। अगर स्पष्टीकरण का जवाब असंतोषजनक पाया जाता है, तो प्रधानाध्यापक पर आगे की कार्रवाई होगी।

दरअसल, मध्य विद्यालय महेशपुर के प्रधानाध्यापक द्वारा जो नामांकन पंजी लाई गई थी, उसमें जिस छात्र का काउंटर सिग्नेचर करवाना था, उसका डेट ऑफ बर्थ में पूर्व से 2012 लिखा हुआ था। जिसे चालाकी करते हुए उम्र घटाने को लेकर उसे 14 कर दिया गया था।

इसे देखकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने कार्यालय कक्ष में ही प्रधानाध्यापक की क्लास लगा दी। जिस पर प्रधानाध्यापक ने कहा कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। वहीं, आपको बता दें कि नवोदय विद्यालय में नामांकन के समय में भी जिले के दर्जन भर स्कूलों से नामांकन पंजी में हुई छेड़छाड़ को लेकर मामले सामने आए थे। लेकिन उस समय ऐसे मामलों पर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

निरीक्षण पदाधिकारी करेंगे नामांकन पंजी की जांच

जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिया है अब निरीक्षण पदाधिकारी नामांकन पंजी की जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि काउंटर सिग्नेचर के दौरान लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। खासकर नामांकन लेने के समय ऐसी गलतियां ज्यादा पाई जा रही हैं। अब जो पदाधिकारी स्कूल निरीक्षण करने जाएंगे वे वहां के नामांकन पंजी की भी जांच करेंगे।

जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा की नामांकन पंजी से छेड़छाड़ तो नहीं किया गया है। उसमें व्हाइटनर का तो प्रयोग नहीं हुआ है। इसके अलावा सत्र खत्म होने के बाद नामांकन पंजी क्लोज किया गया है कि नहीं, उसकी भी जांच की जाएगी।

नामांकन पंजी से छेड़छाड़ करने पर जा सकती है नौकरी, जेल भी

नामांकन पंजी से छेड़छाड़ करना एक गंभीर अपराध माना जाता है। नामांकन रजिस्टर एक आधिकारिक दस्तावेज होता है। उसमें छात्रों के नाम, उम्र, वर्ग, जाति, उपस्थित, नामांकन संख्या आदि जैसे महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज रहती हैं। अगर कोई व्यक्ति इससे छेड़छाड़ करता है तो पहले स्पष्टीकरण फिर जांच कमेटी के निर्देश पर निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है।

अगर मामला ज्यादा गंभीर है तो आरोपित की बर्खास्तगी हो सकती है। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोप में दो से 7 साल तक की सजा और जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है।

मामले की जांच कराई जाएगी। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर तीन साल पहले तक का अपेडट आंकड़ा देखा जाएगा। अगर जांच में संबंधित प्रधानाध्यापक दोषी पाए गए, तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। – राजकुमार शर्मा, डीईओ

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