बिहार के डेर लाख शिक्षकों के लिए अच्छी खबरव, विभाग ने वेतन को लेकर दूर की अब तक सबसे बड़ी समस्या, आदेश हुआ जारी
सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्रीष्मावकाश के बाद शिक्षकों से वेतन संबंधी आपत्तियां एकत्र की जाएं। इसके आधार पर वेतन का पुनर्निर्धारण होगा और बकाया भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को 31 जुलाई 2025 तक पूरा करने की समयसीमा तय की है।
बिहार में शिक्षकों की वेतन विसंगतियों का मामला लंबे समय से चर्चा में रहा है। कई शिक्षकों खासकर नियोजित से विशिष्ट शिक्षक बने लोगों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी उचित वेतनमान नहीं मिल रहा। रोचक रूप से कुछ प्राथमिक शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षकों से अधिक वेतन मिल रहा है, जो संवर्ग परिवर्तन और सेवा निरंतरता की कमी के कारण है। 15-20 साल से सेवा दे रहे शिक्षकों को भी वरीयता और बकाया भुगतान में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
10 जून 2025 को शिक्षा विभाग ने सभी DEO को निर्देश जारी किए कि ग्रीष्मावकाश समाप्त होने के बाद शिक्षकों से वेतन विसंगति संबंधी शिकायतें एकत्र की जाएं। इन आपत्तियों की समीक्षा के बाद वेतन पुनर्निर्धारण होगा। विभाग ने 31 जुलाई 2025 तक सभी विसंगतियों को दूर करने और बकाया भुगतान करने का लक्ष्य रखा है।
बजट सत्र फरवरी-मार्च 2025 के दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विधान परिषद में घोषणा की थी कि शिक्षकों की वेतन विसंगतियों और सेवा निरंतरता के मुद्दे को प्राथमिकता से हल किया जाएगा। तीन महीने बाद अब विभाग ने इस दिशा में कदम उठाया है। अपर मुख्य सचिव ने DEO को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी देरी के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।