34 साल बाद प्राथमिक विद्यालयों को मिले प्रधान शिक्षक

34 साल बाद प्राथमिक विद्यालयों को मिले प्रधान शिक्षक

 

 

बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में 34 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रधान शिक्षकों की बहाली हो गयी है. सरकार ने इन पदों का सृजन कर न केवल बहाली की प्रक्रिया पूरी की है, बल्कि इनके पदस्थापन की कवायद भी शुरू कर दी है.

इसे शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. राज्यभर में कुल 36,000 प्रधान शिक्षकों की बहाली हुई है, जिसमें अकेले मुजफ्फरपुर जिले में 1,550 प्रधान शिक्षकों को पदस्थ किया जा रहा है.

इस पहल से प्राथमिक विद्यालयों के शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों में काफी सुधार आने की उम्मीद है, क्योंकि प्रधान शिक्षक के पद समाप्त होने से स्कूलों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की बहाली में पटना हाईकोर्ट और सर्वहारा विकास मंच का अहम योगदान रहा है.

सर्वहारा विकास मंच की कोषाध्यक्ष पिंकी माया ने स्कूलों और बच्चों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुपालन न होने और प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की कमी का मुद्दा उठाया गया था.

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