20000 स्कूलों के लाखों बच्चों का शिक्षा विभाग के पास रिकॉर्ड नहीं
सुबह में 20000 से अधिक स्कूलों के लाखों बच्चे रिकॉर्ड में नहीं है नए सत्र में बच्चों के नामांकन को लेकर आने वाले आंकड़े से यह खुलासा हो रहा है नए सत्र में आने वाले आवेदन का नामांकन भी फस गया है
बिना रजिस्ट्रेशन वाले इन स्कूलों के बच्चों का परमानेंट आईडी नहीं बना है परमानेंट आईडी नहीं बंद होने से इन बच्चों का दूसरी कक्षा के बाद पंजीकृत स्कूलों में नामांकन ही नहीं हो सकेगा इन बच्चों का कोई रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है स्थिति यह है कि जिला ही नहीं बल्कि सुबह के 50 फ़ीसदी से अधिक निजी स्कूल बिना मान्यता वाले हैं विशेष तौर पर आठवीं तक के स्कूल बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं यह स्कूल ऐसे हैं जिनका यू डाइस कोड नहीं है और ना ही शिक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन मिला है वर्ष 2023 24 के लिए सभी स्कूलों को बच्चों का परमानेंट आईडी बनाने को लेकर निर्देश मिला था किसी सत्र से परमानेंट ईद की व्यवस्था शुरू हो गई है कक्षा एक के बाद के सभी कक्षा के बच्चों का नाम डालते ही उसकी आईडी दिख जा रही है और यही आईडी उसकी पहचान है सुबह ही नहीं देश के किसी भी स्कूल में जाने पर इसी आईडी से पहचान होगा
कक्षा 1 से 12वीं तक एक ही होगी छात्रों की आईडी
सीबीएसई स्कूल संगठन सहोदय के सचिव सतीश कुमार झा कहते हैं कि पहले आठवीं के बाद बिना रजिस्ट्रेशन वाले स्कूल के बच्चों का नामांकन फसता था लेकिन तब भी हो जाता था क्योंकि पहले परमानेंट आईडी वाली व्यवस्था नहीं थी अब कक्षा एक से लेकर 12वीं तक वहीं एक आईडी रहेगी बच्चे चाहे किसी जिले या किसी राज्य में हो उनका आईडी वही रहेगा हर बार बस कक्षा बदलेगी उनकी आईडी नहीं
श्री झा ने कहा कि इस बार अब तक विभिन्न स्कूलों में कक्षा 3 से कक्षा 6 के दर्जनों बच्चे ऐसे आए हैं जिनका नामांकन ले लिया गया है अब यू डाइस पर प्रमोशन वाले में जब उनका नाम डाला जा रहा है तो कोई रिकॉर्ड ही नहीं है ऐसा संबंधित स्कूल के बिना रजिस्ट्रेशन के चलने के कारण है शिक्षा विभाग को जब जानकारी दी गई तो प्रखंड संसाधन केंद्र में जाकर बच्चों का नाम यू डाइस पर जुड़वाने का मौका दिया गया रजिस्टर्ड स्कूल इसमें गए लेकिन बिना रजिस्ट्रेशन वाले स्कूल नहीं गए हैं