बिहार सरकार का शिक्षकों के वेतन , पत्रकारों के पेंशन व आवास व किसानों को लेकर की बड़ी घोषणा , वत्तीय वर्ष 2024 -25 से मिलेगा लाभ 

बिहार सरकार का शिक्षकों के वेतन , पत्रकारों के पेंशन व आवास व किसानों को लेकर की बड़ी घोषणा , वत्तीय वर्ष 2024 -25 से मिलेगा लाभ 

 

राज्य के हर खेत को वर्ष 2025 तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। यह काम प्रगति पर है। इसे 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानपरिषद की दूसरी पाली में बजट पर विभागवार वाद-विवाद के दौरान ये बातें कहीं।

शिक्षकों के वेतन पर ही खर्च हो

बुधवार को विधानपरिषद में जल संसाधन, शिक्षा, ग्रामीण कार्य, परिवहन, योजना एवं विकास, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा, सूचना एवं जन-संपर्क, सूचना प्रवैधिकी तथा खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आय-व्यय पर चर्चा हुई।

इसमें रवींद्र प्रसाद सिंह, प्रेमचंद मिश्रा, अनिल कुमार, अजय कुमार सिंह, प्रो. वीरेंद्र नारायण सिंह और संजय कुमार सिंह आदि ने अपने सुझाव एवं विचार रखे। अधिकांश सदस्यों ने शिक्षा के विषय पर ही अपनी बात रखी।

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार की ओर से इसकी ताकीद की गई है कि शिक्षकों के वेतन मद में दी गई राशि, उसी काम में खर्च हो।

बिहार 73 प्रतिशत इलाका बाढ़ से प्रभावित

जल संसाधन पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार के कुल क्षेत्रफल का लगभग 73 प्रतिशत इलाका बाढ़ प्रवण (बाढ़ प्रभावित) है, यानी यहां बाढ़ आने की आशंका है।

बिहार के कुल 94.6 लाख हेक्टेयर में 68.6 लाख हेक्टेयर का इलाका बाढ़ प्रवण है। राज्य सरकार ने इनमें से 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सुरक्षित कर लिया है।

कोसी, गंडक, बागमती जैसी नदियों के कारण आने वाले बाढ़ का निदान हाईडैम है, इसके लिए जगह भी चिह्नित है। मगर इलाका नेपाल में होने के कारण सरकार कुछ भी करने में अक्षम है।

उन्होंने नदी जोड़ो योजना, गंगा जल उद्वह योजना (गंगा वाटर सप्लाई स्कीम), सिमरिया घाट के विकास आदि योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी सदन को दी।

पत्रकारों के पेंशन और आवास का मुद्दा भी उठा

विधानपरिषद में बुधवार को पत्रकाराें के पेंशन, बीमा और आवास का लाभ दिए जाने से जुड़ा मुद्दा भी उठा। कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा ने पत्रकारों को मिलने वाली छह हजार की पेंशन राशि को अपर्याप्त बताते हुए बढ़ाने की मांग सरकार से की।

हर साल पत्रकार बीमा के बढ़ते अंशदान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पत्रकारों के लिए को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने की मांग की, जिससे उन्हें कम दर पर जमीन का आवंटन किया जा सके।

भाजपा के संजय मयूख ने भी इसका समर्थन करते हुए पत्रकारों की पेंशन राशि अन्य राज्याें की तरह कम से कम 20 हजार रुपये करने की मांग की।

 

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