सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन का बदला तरीका , अब इन 5 में से एक डॉक्यूमेंट के आधार पर होगा सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन , नही चलेगी अब हेडमास्टर सहेब की मनमर्जी

सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन का बदला तरीका , अब इन 5 में से एक डॉक्यूमेंट के आधार पर होगा सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन , नही चलेगी अब हेडमास्टर सहेब की मनमर्जी

 

सरकारी स्कूलों में शैकणिक सत्र 2023-24 में 20 लाख फर्जी विद्यार्थियों का पता चलने के बाद शिक्षा विभाग ऐसे दाखिलों को रोकने को लेकर सतर्क हो गया है. 2024- 25 सत्र में फर्जी नामांकन रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है.

इसके मुताबिक नामांकन विदयार्थियों के जन्म प्रमाण पत्र, अस्पताल या मिड वाइफ पंजी अभिलेख, आंगनबाड़ी अभिलेख, अभिभावक या माता-पिता की तरफ से दिये गये घोषणा पत्र के अलावा विद्यार्थियो के आधार कार्ड पर होगा. यानी इन पांच कागजात में से एक कागजात जरूरी होगा.

गाइडलाइन का पूरी तरह हो पालन

एक अप्रैल से कक्षाएं शुरू होने के दौरान नामांकन लिये जायेंगे. विभाग ने कहा है कि गाइडलाइन का पूरी तरह पालन हो. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्व ने मंगलवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में साफ किया है कि सभी छात्रों के आधार कार्ड बनवाने के प्रयास किये जाएं. साथ ही उच्चतर कक्षा में नामांकन के दौरान अभिभावकों को बुलाकर भौतिक सत्यापन किया जाए. इस दौरान पिछली कक्षा के परीक्षा परिणाम पर भी अभिभावकों से चर्चा हो.

20 लाख बच्चों का काटा गया नाम

माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्रीवास्तव ने पत्र में कहा है कि सत्र 2023-24 में अनुपस्थिति की वजह से कुल 23.97 लाख नाम काटे गये. इनमे से 3.98 लाख ने ही नाम वापस लिखाये. शेष 20 लाख बच्चों ने नाम काटे जाने पर किसी से संपर्क करने की भी कोशिश नहीं की.

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