बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उल्टी गिनती शुरू , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के के पाठक के लिए बने सिर दर्द ,  मुख्यमंत्री नीतीश के खिलाफ शिक्षकों,  अन्य कर्मचारियों, छात्र व छात्राओ के माता पिता व अभिभावक के मन मे नफरत व असन्तोष की भावना का जन्म के के पाठक के नए नए आदेश है 

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उल्टी गिनती शुरू , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के के पाठक के लिए बने सिर दर्द ,  मुख्यमंत्री नीतीश के खिलाफ शिक्षकों,  अन्य कर्मचारियों, छात्र व छात्राओ के माता पिता व अभिभावक के मन मे नफरत व असन्तोष की भावना का जन्म के के पाठक के नए नए आदेश है 

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में उल्टी गिनती शुरू हो गई है बिहार के लोग नीतीश कुमार से काफी नाराज चल रहे हैं उनमें से ज्यादातर शिक्षक नीतीश कुमार के सारे पर चल रहे थे के पाठक की क्रियाकलाप से काफी नाराज चल रहे हैं ठीक है पाठक की क्रियाकलाप से सिर्फ शिक्षक समाज ही नहीं बल्कि अधिकारी और आम लोग भी काफी नाराज चल रहे हैं इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को पकड़ना पड़ रहा है ।

केके पाठक के आदेश पर आदेश निकलने के कारण आम लोगों में नीतीश कुमार के खिलाफ और असंतोष का माहौल चरम सीमा पर पहुंच गया है यदि बात किया जाए कक्षा 11वीं कक्षा नवमी दसवीं के पास शिक्षकों को गांव के ही या इस विद्यालय में ही पढ़ने के लिए पत्र किया जाना जबकि उनके घर से स्कूल की दूरी अधिक है जाने में असमर्थ था एक पाठक के इस आदेश से आम लोग भी काफी आक्रोशित हैं

राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि क पाठक ने बिहार में नीतीश कुमार की नैया को डूबा दिया है नीतीश कुमार की उल्टी गिनती बिहार में शुरू हो गई है नीतीश कुमार का समय अब समाप्त होने की कगार पर है

जदयू नेता जवाहर लाल भारद्वाज ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। त्याग पत्र में उन्होंने जदयू के कुछ शीष नेताओं पर ढुल-मुल रवैया अपनाने तथा जिला स्तर तक पार्टी में घोर जातिवाद रहने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पार्टी के सवर्ण साथियों को उपेक्षित किया जा रहा है। यह भी आरोप लगाया है कि कार्यकर्ता जब भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो अधिकारी उनको अपमानित करते हैं।

‘बेलगाम अफसरशाही से आम जनता त्रस्त है’

जवाहर लाल ने कहा कि कि बेलगाम अफसरशाही से आम जनता त्रस्त है, लेकिन पार्टी का सहयोग नहीं मिलने के डर से कोई भी स्वाभिमानी कार्यकर्ता आवाज उठाने से डरने लगा है।

‘नीतीश कुमार ने पार्टी का एनडीए से…’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी का एनडीए से गठबंधन किया तो जदयू के अधिकांश कार्यकर्ताओं ने जातिवाद कर वर्तमान लोकसभा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। कुछ नेताओं ने तो विपक्षी दल को सहयोग तक पहुंचाया।

उन्होंने कहा कि जदयू कभी सर्वसमाज की पार्टी हुआ करता थी, लेकिन अब यह जाति विशेष का पार्टी बनती जा रही है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध भी किया है।

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