ACS एस सिद्धार्थ ने गुरूजी के काम के आकलन का निकाला खास तरीका, अब खैर नहीं , छात्रो का नोटबुक तय करेगा शिक्षकों का भविष्य, अधूरा रहा तो जाएगी नौकरी! ACS एस सिद्धार्थ
छात्रो का नोटबुक तय करेगा शिक्षकों का भविष्य, अधूरा रहा तो जाएगी नौकरी! ACS एस सिद्धार्थ
छात्रो का नोटबुक तय करेगा शिक्षकों का भविष्य, अधूरा रहा तो जाएगी नौकरी! ACS एस सिद्धार्थ ने गुरूजी के काम के आकलन का निकाला खास तरीका, अब खैर नहीं
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद पर आते ही एस सिद्धार्थ ने राज्य के स्कूलों में पठन पाठन को दुरुस्त करने के लिए खास फॉर्मूला अपना लिया है. सिद्धार्थ ने इसके लिए छात्रो के नोटबुक को सबसे बड़े हथियार के रूप में अपनाने की तैयारी की
यानी शिक्षक क्या पढ़ाते हैं इसका पूरा लेखा-जोखा छात्रों के नोटबुक से निकलेगा. सूत्रों का कहना है कि एस सिद्धार्थ ने बिहार के तमाम सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के पढ़ाने पर निगरानी का नायाब तरीका अपनाने का प्लान तय किया है.
शिक्षक स्कूलों में रोजाना क्या पढ़ाते हैं. कितना टास्क देते हैं. बच्चे किन पाठों को पढ़े हैं. पढाई के कुल कितने घंटे हुए हैं इन तमाम चीजों का खुलासा बस छात्रों की कॉपी देखते ही कर लेंगे. सूत्रों के अनुसार एस सिद्धार्थ ने छात्रों की कॉपी चेक करने पर खास ध्यान देने कहा है. इसके अनुसार स्कूलों में जब निरिक्षण के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी जाएंगे तो वे सामान्य हाजिरी आदि चेक करने के अतिरिक्त एक और खास काम करेंगे. इसमें छात्रों की कॉपी चेक करना होगा. यानी किसी शिक्षक ने पिछले दिनों क्या पढ़ाया है इसका पूरा लेखा-जोखा छात्रों के कॉपी से पता चलेगा.
माना जा रहा है कि इससे शिक्षको के कामकाज पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी. वे क्या पढ़ाते हैं और कितना पढ़ाते हैं उसका आकलन छत्रों की कॉपी देखकर कर सकेंगे. सिद्धार्थ के इस नायाब तरीके से स्कूलों में शिक्षकों द्वारा टाइम पास करने की शिकायतें भी दूर हो सकती हैं. साथ ही जो शिक्षक तय मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाएंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई भी की जा सकती है.
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभालते ही एस. सिद्धार्थ लगातार अपने एक्शन से सबको आकर्षित किए हुए हैं. उन्होंने पिछले दिनों भोजपुर के बिहिया में एक स्कुल में छापेमारी करने के दौरान बच्चों को सड़क पर घूमते पकड़ा था. इसके पहले वे लोकल ट्रेन में सवार होकर पटना से बिहिया गए थे. वहीं शनिवार को स्कूल टाइमिंग के बाद एक रिक्शा पर सवार कुछ बच्चों को सिद्धार्थ ने देखा तो उन्हें भी रोककर सवाल किया. उनके इस एक्शन से हड़कंप भी मचा और एक सकारत्मक संदेश भी गया.