विद्यालय ससमय आने मै हुई परेशानी का शिक्षक द्वारा अपना दर्द वीडियो बनाकर बताने पर उल्टा जिलाधिकारी ने DEO को इस शिक्षक पर करवाई करने का दिया आर्डर
बिहार के जमुई जिले में एक शिक्षक को शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठाना भारी पड़ गया है. हाल में ही शिक्षक ने एक वीडियो बनाकर स्वयं के व अन्य शिक्षकों के दर्द को बयां किया था.
आइएएस अधिकारियों को मैनेजमेंट समझाते हुए उन्हें शिक्षकों की परेशानी समझने की सलाह दी थी. वीडियो वायरल हुआ तो अब जिलाधिकारी ने एक्शन ले लिया है. जमुई डीएम ने इसे शिक्षक की अनुशासनहीनता बताया है.
जमुई में शिक्षक ने वीडियो किया था जारी
जमुई के जिलाधिकारी राकेश कुमार ने लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत नवीन प्राथमिक विद्यालय मेदनीपुर के शिक्षक प्रभात रंजन की मुश्किलें बढ़ा दी है. शिक्षक प्रभात रंजन का एक वीडियो हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वो मलयपुर रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूर पर स्थित रेलवे फाटक के पास खड़े दिखे हैं. इस वीडियो के तहत उन्होंने शिक्षकों की परेशानी बतायी थी. दरअसल, रेलवे फाटक बंद था और शिक्षक ने सवाल उठाया था कि वो रेलवे गेट पर खड़े हैं.
शिक्षक ने क्या सवाल खड़े किए थे?
वीडियो में शिक्षक को यह कहते सुना जा रहा है कि आप कहेंगे कि समय पर स्कूल आएं. मैं रेलवे गेट पर खड़ा हूं. अब बताइए कि हम समय पर स्कूल कैसे पहुंचे. आप इन चीजों का ध्यान क्यों नहीं रखते. उन्होंने कहा कि आप एक आईएएस हैं. आपको मैनेजमेंट अच्छा आता है. टाइम मैनेजमेंट अच्छा आता है, लेकिन आप शिक्षकों की परेशानी नहीं समझते. शिक्षकों के साथ कई परेशानियां होती हैं. कभी किसी का टायर पंचर हो जाता है, कभी सड़क जाम होता है, तो कभी रेलवे फाटक बंद रहने के कारण शिक्षकों को लेट होता है. ऐसे में शिक्षकों को 40 से 45 मिनट देना पड़ता है. नहीं तो शिक्षक लेट ही पहुंचेंगे. शिक्षक ने इस वीडियो में यह भी कहा था कि अगर शिक्षकों को समय नहीं दे सकते तब उनकी पोस्टिंग ऐसी जगह पर दे दें जहां उनका घर है. तब शिक्षक समय से पहले ही विद्यालय पहुंच जाएंगे.
डीएम ने बढ़ा दी मुश्किल
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो जिलाधिकारी राकेश कुमार एक्शन में आए. उन्होंने शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. डीएम ने शिक्षक की अनुशासनहीनता बताते हुए इसे शिक्षण कार्य की संस्कृति के प्रतिकूल बताया है. 24 घंटे के अंदर शिक्षक से जवाब मांगा गया है कि आखिर उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जाए.