40 हजार शिक्षकों को 2 महीने से वेतन नहीं मिलने से मचा हाहाकार
राज्य के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में एक बार फिर वित्तीय संकट गहराने लगा है। लगभग 40 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों को जुलाई-अगस्त का वेतन-पेंशन का भुगतान अब तक नहीं हुआ है
निर्देशों का अक्षरश: पालन नहीं करने के कारण शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को अनुदान जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके चलते सबसे बुरा हाल करीब 25 हजार सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों और उनके आश्रितों का है।
पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर डाटा अपलोड करने और विश्वविद्यालयों में जमा पड़ी राशि को लौटाए बिना अनुदान नहीं मिलने वाला। शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के निर्देश के मुताबिक, विभागीय निर्देशों का अक्षरशः पालन करने के बाद ही विश्वविद्यालयों को शिक्षक एवं कर्मचरियों के वेतन भुगतान के लिए राशि मिलेगी।
इससे पहले भी जुलाई से अगस्त के बीच पांच पत्र कुलपतियों को भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि बार-बार विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया गया कि विभाग के पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल (सीएफएमएस) पर सभी शिक्षकों व कर्मचारियों के संबंध में मूल डाटा अपलोड करें, जिसमें सभी वेतन, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले शिक्षकों, कर्मियों, व्यक्तियों का डाटा होगा। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों के साथ बैठकें भी हुईं।
राशि लौटाने का निर्देश
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सहायक अनुदान की राशि जो बचत खाता, चालू खाता एवं सावधिक जमा खाता में जमा है तथा जो राशि अग्रिम स्वरूप दी गयी थी, को 15 दिनों के अंदर बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से राजकोष में जमा करा दें।
संबंधित निर्देश के अनुपालन के बाद ही आगे का अनुदान विमुक्त करने पर विचार किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. केबी सिन्हा ने कहा है कि अपने आदेश को मनवाने की जिद में शिक्षा विभाग सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन से वंचित कर रखा है।