“कैमरा उल्टा कीजिए” अपर सचिव एस सिद्धार्थ का अलग अंदाज में खोली स्कूल की पोल, मचा हड़कंप

“कैमरा उल्टा कीजिए” अपर सचिव एस सिद्धार्थ का अलग अंदाज में खोली स्कूल की पोल, मचा हड़कंप

 

Bihar Education Department: शिक्षा विभाग के अपर सचिव एस सिद्धार्थ ने गुरुवार दोपहर रामगढ़ प्रखंड के डरवन विद्यालय का निरीक्षण वीडियो कॉल के माध्यम से किया।

इस दौरान उन्होंने विद्यालय के हेड मास्टर महेंद्र से बच्चों की उपस्थिति और मध्याह्न भोजन की जानकारी ली। जैसे ही वीडियो कॉल पर हेड मास्टर ने बात की, कई गड़बड़ियां सामने आ गईं और अपर सचिव ने मौके पर ही उनकी जमकर क्लास भी ली।

क्या है पूरा मामला

वीडियो कॉल के दौरान, बच्चों को बरामदे में बैठकर भोजन करते हुए देखा गया, जबकि बच्चों को दरी या चटाई पर बैठाकर भोजन कराना होता है, जो कि नियमों के तहत अनिवार्य है। इसके अलावा, बच्चों को पंगत में बैठाकर भोजन कराने की भी आवश्यकता है, जिसकी निगरानी विद्यालय के हेड मास्टर को करनी होती है, लेकिन निरीक्षण के समय एचएम बच्चों के बीच न होकर गेट पर खड़े थे। जब अपर सचिव ने पूछा तो एचएम ने जवाब दिया कि वे बच्चों को बाहर जाने से रोकने के लिए गेट पर खड़े थे।

इस दौरान उन्होंने विद्यालय के हेड मास्टर महेंद्र से बच्चों की उपस्थिति और मध्याह्न भोजन की जानकारी ली। जैसे ही वीडियो कॉल पर हेड मास्टर ने बात की, कई गड़बड़ियां सामने आ गईं और अपर सचिव ने मौके पर ही उनकी जमकर क्लास भी ली।

एचएम से किए कई सवाल

अपर सचिव ने एचएम से कई सवाल किए, जैसे कि विद्यालय में थालियों की संख्या के बारे में, जिस पर हेड मास्टर ने कहा कि तीन सौ थालियां हैं। इसके बाद अपर सचिव ने सवाल किया कि यदि थालियां पर्याप्त हैं तो बच्चों को एक साथ भोजन क्यों नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने एचएम से विद्यालय का गेट और आसपास का दृश्य दिखाने को भी कहा, जिस पर एचएम कैमरा उल्टा करके दिखाने के लिए मजबूर हुए। वीडियो कॉल के बाद, डीपीओ विकास कुमार ने एक घंटे में विद्यालय का दौरा किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इस घटना ने विद्यालय की व्यवस्था में खामियों को उजागर किया, जिससे प्रशासन ने तुरंत सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी।

क्या है पूरा मामला

वीडियो कॉल के दौरान, बच्चों को बरामदे में बैठकर भोजन करते हुए देखा गया, जबकि बच्चों को दरी या चटाई पर बैठाकर भोजन कराना होता है, जो कि नियमों के तहत अनिवार्य है। इसके अलावा, बच्चों को पंगत में बैठाकर भोजन कराने की भी आवश्यकता है, जिसकी निगरानी विद्यालय के हेड मास्टर को करनी होती है, लेकिन निरीक्षण के समय एचएम बच्चों के बीच न होकर गेट पर खड़े थे। जब अपर सचिव ने पूछा तो एचएम ने जवाब दिया कि वे बच्चों को बाहर जाने से रोकने के लिए गेट पर खड़े थे।

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