हाई कोर्ट पटना ने बिहार के शिक्षकों के हित मे सुनाया फैसला, इन शिक्षकों को इस वर्ष से दिया जाए प्रशिक्षित वेतनमान, इन शिक्षकों को लगभग 2.40 लाख रु मिलेगा एरियर, आदेश नहीं मानने पर बिहार सरकार पर चलेगा कंडक्ट ऑफ़ कोर्ट का मामला

हाई कोर्ट पटना ने बिहार के शिक्षकों के हित मे सुनाया फैसला, इन शिक्षकों को इस वर्ष से दिया जाए प्रशिक्षित वेतनमान, इन शिक्षकों को लगभग 2.40 लाख रु मिलेगा एरियर, आदेश नहीं मानने पर बिहार सरकार पर चलेगा कंडक्ट ऑफ़ कोर्ट का मामला

 

शिक्षकों के पक्ष मे हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बिहार मे कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों को इस वर्ष से प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाए, अब शिक्षकों को एक मुस्त मिलेगा इतना लाख रूपये एरियर के रूप मे,

 

बिहार के प्राथमिक शिक्षकों के हित मे पटना हाई कोर्ट ने एक बहुत ही बड़ा फैसला सुनाया है . कोर्ट ने आदेश दिया है की सत्र 2013-2015 मे इग्नू से प्रशिक्षित शिक्षकों को वेतनमान वर्ष 2017 से नहीं बल्कि 2015 से दिया जाए.

जस्टिस पी. बी. बजनथ्री और जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक देरी का खामियाजा शिक्षकों को नहीं भुगतना चाहिए।

यह पाया गया कि शिक्षकों ने समय पर प्रशिक्षण पूरा कर लिया था, लेकिन परीक्षा परिणाम में देरी के कारण उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान से वंचित रखा गया, जो पूरी तरह अनुचित है। कोर्ट ने सरकार नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासनिक प्रक्रिया की देरी के कारण वेतन लाभ से इनकार करना अन्यायपूर्ण है।इस फैसले से न केवल याचिकाकर्ता, बल्कि समान परिस्थितियों में कार्यरत अन्य शिक्षक भी लाभान्वित होंगे।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों ने मई 2017 में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया था, लेकिन परीक्षा परिणामों में देरी के कारण उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान से वंचित रखा गया। न्यायालय ने इसे न केवल अनुचित बताया, बल्कि यह भी कहा कि कोई व्यक्ति अपनी गलती का लाभ नहीं उठा सकता और किसी के वास्तविक अधिकार को नकार नहीं सकता।

पीड़ित शिक्षकों की ओर से पैरवी कर रहीं अधिवक्ता डॉ. शुचि भारती ने इस निर्णय पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, यह कानूनी लड़ाई बहुत लंबी और कठिन रही, लेकिन अंततः न्याय मिला है। यह निर्णय समान परिस्थितियों में कार्यरत अन्य शिक्षकों पर भी समान रूप से लागू होगा, जिससे सेवा और आर्थिक लाभों में समानता सुनिश्चित होगी।

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