नेतागिरी व फर्जी करते हुए पकड़े जाने पर शिक्षकों की बॉर्डर पर होंगी पोस्टिंग, ACS S सिद्धार्थ ने किया स्पष्ट, सभी DEO को जारी किया आदेश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से एक शिक्षक ने कहा कि उन्हें 70 हजार रुपये देकर मनचाही पोस्टिंग का झांसा दिया गया था. इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि अब ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित और कोडेड सॉफ्टवेयर पर आधारित है. न डीईओ, न शिक्षक और न ही कोई अन्य व्यक्ति इसमें दखल दे सकता है. ये साइबर ठगी है लिहाजा सतर्क रहें.
समर कैंप में बच्चों का खेल-खेल में गणित सीखना
किशनगंज के शिक्षक गोपाल प्रसाद राय ने समर कैंप में गणित सीखने की पहल की सराहना की. इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि यह बच्चों की लर्निंग कंटिन्यूटी बनाए रखता है. उन्होंने खुद भी कुछ समर कैंप में भाग लेने की इच्छा जताई.
मेडिकल लीव में वेतन कटौती बर्दाश्त नहीं
गोपालगंज की शिक्षिका राधिका शर्मा की शिकायत पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मेडिकल अवकाश के दौरान वेतन रोकना गलत है, जब तक वह नो पे लीव न हो. सभी वैध अवकाशों में वेतन भुगतान सुनिश्चित होगा. जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए.
पूर्णिया के उत्क्रमित उच्च विद्यालय महावला के विज्ञान शिक्षक ने बताया कि उनके स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण बीते पांच सालों से अधूरा पड़ा है, जिससे लगभग 700 छात्र प्रभावित हैं. इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि यह अस्वीकार्य है. सोमवार को कार्यपालक अभियंता को निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा.
रिक्त पदों पर गलत रिपोर्टिंग की शिकायत
मधुबनी के एक नागरिक ने शिकायत की कि टोला सेवक और मरकज सेवक की कई सीटें रिक्त हैं लेकिन विभाग को शून्य रिक्ति की रिपोर्ट भेजी जा रही है, जिससे बहाली प्रक्रिया बाधित हो रही है. इसपर एसीएस ने कहा कि जहां उच्च न्यायालय में वाद लंबित नहीं हैं, वहां बहाली की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी. इस मामले की गंभीर समीक्षा अगले सप्ताह की जाएगी.
वेतन निर्धारण में विसंगतियों का निपटारा
विशिष्ट शिक्षक सोनू मिश्रा ने वेतन में जिलावार भिन्नता की समस्या उठायी. इस पर एसीएस ने कहा कि प्राथमिक कार्य वेतन भुगतान सुनिश्चित करना है. विसंगतियों की जांच कर जल्द सुधार किया जाएगा और फिर जो भी एरियर बनेगा, हमलोग उसका भुगतान करेंगे.
किशनगंज की शिक्षिका झूमी कुमारी ने ग्रामीण बच्चों के लिए पोशाक, जूता, टाई और स्पोर्ट्स ड्रेस की सुविधा के बारे में सवाल किया, जिसका एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ ने जवाब देते हुए कहा कि बजट सीमाओं के कारण सभी बच्चों को तत्काल यह सुविधा देना संभव नहीं है लेकिन चयनित बच्चों को सीमित संख्या में स्पोर्ट्स ड्रेस देने की पहल की जा रही है.