देर शाम खत्म हुई नीतीश केबिनेट में 35 एजेंडों पर लगी मोहरब, 40506 प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नियमावली पर लगी मोहर 

देर शाम खत्म हुई नीतीश केबिनेट में 35 एजेंडों पर लगी मोहरब, 40506 प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नियमावली पर लगी मोहर 

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ऐलान किया गया है कि बिहार सरकार उन करीब 58 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए तक का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा देगी, जो केंद्र सरकार की योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं.

कैबिनेट ने 35 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति दी है. बताया गया है कि बिहार की स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना पर होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार अपने संसाधन से करेगी. योजना का लाभ आगामी वित्तीय वर्ष से संभावित है.

बैठक में कहा गया है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी. यह बीमा कैशलैस होगा, लेकिन इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे. बिहार में ऐसे करीब 58 लाख वे परिवार हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आते हैं. इन परिवारों को केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना भी शामिल हैं.

कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई हटाने प्रस्ताव भी स्वीकृत


कैबिनेट ने एक अन्‍य फैसला लेते हुए कहा है कि सरकारी 10+2 स्कूलों में ही इंटर की पढ़ाई होगी और कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई हटाने प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है. अब राज्य के दर्जन से अधिक विश्वविद्यालयों कालेजों में भी इंटर की पढ़ाई बंद हो जाएगी. पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पहले से ही इंटर की पढ़ाई बंद है. मंत्रिमंडल ने 176 ओपी (आउट पोस्ट) को थाना में बदलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है. ये आउट पोस्ट (5 पुलिस कर्मी वाले हैं) अब थाना की तरह काम करने लगेंगे.

40,506 प्रधान शिक्षक की नियुक्ति का रास्‍ता साफ, सीधा पड़ेगा असर

कैबिनेट ने बिहार राज्‍य प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियमावली 2024 को भी मंजूरी दे दी. इधर शिक्षा विभाग का कहना है कि 40, 506 प्रधान शिक्षकों की भर्ती का रास्‍ता साफ हो गया है. इसकी नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग काम करेगा. गौरतलब है कि नियमावली नहीं होने के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही थी. पिछली महागठबंधन सरकार के समय सभी संवैधानिक आयोग- बोर्डों के फिर से गठन का फैसला लिया है. इसके लिए पहले विशेषज्ञ कमेटी बनाने का निर्णय लिया है.

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