विद्यालयों के समय में बदलाव के लेकर के के पाठक के आदेश पर ट्विटर पर शिक्षा विभाग ने पोस्ट कर दी इसकी  जानकारी 

विद्यालयों के समय में बदलाव के लेकर के के पाठक के आदेश पर ट्विटर पर शिक्षा विभाग ने पोस्ट कर दी इसकी  जानकारी 

 

Bihar Education Department post  विद्यालयों के समय में बदलाव करने की जोर शोर से उठ रही मांगो पर के के पाठक के आदेश पर शिक्षा विभाग ने लगाया  विराम ,

शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने गर्मी को देखते हुए स्कूल का समय सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक कर दिया है, लेकिन स्कूल की इस नई समय सारिणी को लेकर बवाल मचा हुआ है.

शिक्षकों का कहना है कि ये समय उनके लिए अनुकूल नहीं हैं. उनके पक्ष में कई नेताओं ने भी सामने आकर सरकार से इस पर जवाब तलब किया था, अब शिक्षा विभाग ने शुक्रवार (17 मई) एक पोस्ट के जरिए इसका जवाब दिया है.

एमएलसी ने शिक्षकों के पक्ष में लिखे थे पत्र

दरअसल बिहार विधान परिषद के 5 एमएलसी ने शिक्षकों का पक्ष लेते हुए पत्र लिखकर शिक्षा मंत्री से सरकारी स्कूल के समय में बदलाव की मांग की थी. सुबह 6 बजे के बजाए स्कूल का टाइम 6:30 सुबह से 11:30 बजे तक किया जाए. ताकि शिक्षकों को स्कूल आने में कोई परेशानी ना हो. इस पर शिक्षा विभाग ने जवाब देते हुए लिखा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत स्कूल में कार्य अवधि 7.5 घंटे निर्धारित है.

शिक्षा विभाग ने पोस्ट कर लिखा, “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत प्रतिदिन शिक्षकों के लिए कार्य अवधि 7.5 घंटे. (इसमें पठन-पाठन की तैयारी की अवधि निहित हैं)”.

समय में बदलाव के मूड में नहीं केके पाठक

इस पोस्ट से जाहिर है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इस बार भी किसी की सुनने वाले नहीं हमेशा की तरह वो अपने नियम पर अडिग हैं और समय सारणी में कोई बदलाव नहीं करेंगे. अब इस जवाब से तो यही जाहिर है. बहरहाल सरकार इस पर आगे का क्या रास्ता निकालती है, इसका अभी इंतजार करना होगा.

हालांकि सरकार के सहयोगी दल के नेताओं ने भी सरकारी स्कूल के इस समय को गलत माना है और केके पाठक को बीमार तक बता दिया है. विपक्ष तो इसके खिलाफ बोल ही रहा है. अब देखना ये है कि शिक्षा विभाग के इस जवाब के बाद शिक्षक और उनके पक्ष में खड़े नेताओं की क्या प्रतिक्रिया होती है.

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