BPSC TRE 1 और TRE 2 में अब तक का सबसे बड़ा स्केम का हुवा पर्दाफाश , नियोजित शिक्षकों के बाद अब सैकड़ों  BPSC पास शिक्षकों की जाने की प्रक्रिया हुई शुरू, कई जिलों के DEO ने BPSC पास शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण 

BPSC TRE 1 और TRE 2 में अब तक का सबसे बड़ा स्केम का हुवा पर्दाफाश , नियोजित शिक्षकों के बाद अब सैकड़ों  BPSC पास शिक्षकों की जाने की प्रक्रिया हुई शुरू, कई जिलों के DEO ने BPSC पास शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण 

 

 

Bihar Education Department News: बिहार में BPSC TRE 1 और TRE 2 में गड़बड़ी का सबसे बड़ा स्कीम का पर्दाफाश हुआ है बिहार से बाहर के बीएससी पास शिक्षक जिनका सीटेट की परीक्षा में 60% से कम नंबर है वह भी बिहार में बीएससी के परीक्षा पास कर शिक्षक बन गए हैं जबकि बिहार में बीएससी की परीक्षा देने के लिए बिहार से बाहर के अभ्यर्थियों के लिए सीटेट की परीक्षा में काम से कम 60% अंक लाना अनिवार्य था इसके बावजूद सैकड़ों ऐसे अभ्यर्थी बीएससी की परीक्षा पास कर बिहार में शिक्षक बन गए हैं अब शिक्षा विभाग के सामने इस तरह की बात सामने आई है शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर सेवा समाप्ति करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है अब बिहार में सैकड़ो बीएससी पास शिक्षकों की नौकरी यानी लगभग तैमनी जा रही है

बिहार शिक्षा विभाग में जबसे केके पाठक (KK Pathak) आए हैं तब से अलग-अलग आदेश से हड़कंप मचा है. ताजा मामला औरंगाबाद से सामने आया है जहां उच्च न्यायालय के आदेश पर टीआरई-1 (TRE-1) और टीआरई-2 (TRE-2) के तहत बहाल हुए बिहार के बाहर के शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है.

इससे संबंधित एक पत्र सोमवार (20 मई) को औरंगाबाद डीपीओ स्थापना की ओर से जारी की गई है.

लिस्ट में औरंगाबाद के दस शिक्षक हैं शामिल

इस पत्र में जिले के दस शिक्षकों को अयोग्य मानते हुए नौकरी से मुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इन शिक्षकों में गणित विज्ञान के दो, सामाजिक विज्ञान के तीन, अंग्रेजी के दो, हिंदी और अंग्रेजी के एक-एक शिक्षक शामिल हैं. इन सारे शिक्षकों के नंबर 90 से कम हैं.

विद्यालय अध्यापक के लिए आपकी योग्यता समुचित नहीं

जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पत्रांक 3695, दिनांक 20/05/2024 को जारी किए गए पत्र में यह कहा गया है कि सभी शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 27/ 2023 के आलोक में हुई है, लेकिन उनके द्वारा उप स्थापित शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ कि उनकी योग्यता विद्यालय अध्यापक के लिए समुचित नहीं है. ऐसी स्थिति में उनकी नियुक्ति रद्द होगी.

गौरतलब है कि इससे संबंधित एक आदेश हाई कोर्ट की ओर से दिया गया है जिसमें बताया गया है कि बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में 5% का छूट देय नहीं होगा. उक्त आलोक में उनकी शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्राप्तांक 60% से कम होने पर उनके उम्मीदवार निरस्त करने योग्य है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद की ओर से जिन 10 शिक्षकों को स्पष्टीकरण का पत्र निर्गत किया गया है उनके प्राप्तांक सीटीईटी (CTET) में 90 नंबर से कम है. ऐसी स्थिति में उन्हें तीन दिनों के अंदर स्पष्ट करना है कि क्यों ना उनके अभ्यर्थियों को निरस्त करते हुए उनके नियुक्ति को रद्द किया जाए. इधर शिक्षा विभाग औरंगाबाद के सूत्रों की मानें तो ऐसे सैकड़ों शिक्षक हैं जिन्हे सीटीईटी में प्राप्तांक 90 से कम आए हैं जिनकी नौकरी खतरे में है.

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