राज्यभर में मात्र 16 प्रतिशत शिक्षकों ने ही बनाई एप्लिकेशन पर हाजरी , दिनभर हाजरी बनाने को लेकर शिक्षक रहे परेसान

राज्यभर में मात्र 16 प्रतिशत शिक्षकों ने ही बनाई एप्लिकेशन पर हाजरी , दिनभर हाजरी बनाने को लेकर शिक्षक रहे परेसान

 

ऑनलाइन हाजरी एप्प से शिक्षकों का चकराया माथा , किसी को 100 km तो किसी 50 km स्कूल से दूर दिखाया लोकेशन

 

Bihar Teacher News जिले के प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के शिक्षक डॉ. एम.के शशि सुबह साढ़े बजे से पहले स्कूल प्रांगण में प्रवेश कर गए थे। साढ़े छह बजे ऑनलाइन हाजिरी बनाने के लिए जब उन्होंने ई-शिक्षाकोष मोबाइल ऐप (E-Shikshakosh Mobile App) खोला, तो उनका लोकेशन विद्यालय से 800 मीटर दूर बताने लगा

ऐसे में उनका माथा चकराया और उन्होंने ऐप को बंद कर फिर से उसे खोला। हालांकि, तब भी वह दूर ही बता रहा था। इसके बाद जब उन्होंने लोकेशन को कई बार रिफ्रेश किया तो 30 मीटर के दायरे में आया और तब जाकर उनकी हाजिरी बनी, लेकिन तब तक घड़ी की सूई सात बजाकर आगे बढ़ गई थी।

शिक्षिका अमृता कुमारी के साथ भी यही हुआ

सदर प्रखंड के बलरामपुर मध्य विद्यालय की शिक्षिका अमृता कुमारी के साथ भी यही हुआ। उनके साथ विद्यालय के अन्य शिक्षक भी उस समय परेशान हो उठे, जब उनका लोकेशन विद्यालय से काफी दूर बताने लगा।

उन लोगों ने भी ऐप को कई बार खोला बंद किया, लेकिन उसके बाद भी लोकेशन नजदीक नहीं आया। बाद में बगल के करीब 200 मीटर दूर मंदिर में जाने के बाद उनका लोकेशन विद्यालय के निर्धारित दायरे में आया और तब करीब 8 बजे उनकी हाजिरी बन पाई।

यह स्थिति केवल इन्हीं दो शिक्षकों के साथ नहीं थी। मंगलवार को ऑनलाइन उपस्थिति बनाना शिक्षकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो गया। शिक्षक लोकेशन ट्रेस करने के चक्कर में इधर से उधर भागते रहे। किसी का लोकेशन विद्यालय से 800 तो किसी का विद्यालय से 1200 मीटर दूर बता रहा था। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई।

पहले ही दिन डाउन हो गया APP का सर्वर

असल में, पहले ही दिन इस ऐप से जुड़ा सर्वर पूरी तरह से डाउन हो गया। ऐसे में शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी बनाने में माफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। एक शिक्षक ने बताया कि वह भले ही विद्यालय समय से पहुंच गए थे, लेकिन उनकी उपस्थिति आठ बजे के बाद बन पाई।

1100 शिक्षकों ने बनाई ऑनलाइन हाजिरी

जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह स्थिति जिले में ही नहीं अपितु पूरे बिहार में देखने को मिली। हालांकि, उसके बाद भी जिले के 408 विद्यालयों के करीब 1100 शिक्षकों ने ऐप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति बनाई।

डीईओ ने बताया कि नेटवर्किंग की समस्या और जीपीएस की सही ट्रेसिंग नहीं होने के कारण शिक्षकों को परेशान होना पड़ा। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं को आगे ठीक कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले दिन देर से उपस्थिति बनाने के कारण किसी शिक्षक पर कार्रवाई नहीं होगी।

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