विश्वविद्यालय आयोग कोलेजों मे करेगी शिक्षकों की नियुक्ति, नियमित वेतनमान पर होंगी नियुक्ति, आयोग करेगी परीक्षा का आयोजन 

विश्वविद्यालय आयोग कोलेजों मे करेगी शिक्षकों की नियुक्ति, नियमित वेतनमान पर होंगी नियुक्ति, आयोग करेगी परीक्षा का आयोजन 

 

 

पटनाशिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में अब विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से ही शिक्षकों की नियुक्ति होगी. वे सोमवार को विधानसभा में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग संशोधन विधेयक और विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक के संबंध में सरकार का पक्ष रख रहे थे.

 विश्वविद्यालय आयोग अधिनियम में संशोधन करते हुए शिक्षकों की बहाली की जिम्मेदारी कॉलेज में विश्वविद्यालय आयोग को सोती है अब विश्वविद्यालय आयोग राजभर के कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति करेगा शिक्षकों की नियुक्ति नियमित वेतनमान पर होगी विश्वविद्यालय आयोग एक परीक्षा आयोजित कर परीक्षा वस्तुनिष्ठ होंगे

 कॉलेज में शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को संबंधित विषय में मास्टर की डिग्री अनिवार्य होगी संबंधित विषय में मास्टर की डिग्री प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी कॉलेज के शिक्षकों के पद के लिए आवेदन कर सकेंगे उन्हें वेतन के रूप में शुरुआत में लगभग ₹100000 इन हैंड वेतन प्राप्त होगा

इससे पहले उन्होंने सदन पटल पर दोनों विधेयक पेश किए. मंत्री ने सदन को बताया कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग को बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 व पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 के तहत संचालित विश्वविद्यालयों व कालेजों में ही शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार है. इसीलिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग अधिनियम 2017 में संशोधन आवश्यक था. इसके तहत शिक्षा विभाग के अधीन अन्य उच्चतर संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षकों की परिभाषा को भी व्यापक बनाया जा रहा है. विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सभी उच्चतर संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्राधिकृत किया जा रहा है. विपक्ष की गैर मौजूदगी में इस विधेयक को पारित कर दिया गया.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब ले सकेगा ऑनलाइन परीक्षा

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक भी पेश किया. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए विद्यालय परीक्षा समिति को जरूरी अधिकार दिए जायेंगे. इसके तहत प्रतियोगिता परीक्षा ऑनलाइन आयोजित किया जा सकेगा. इसके लिए ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक लाया जा रहा है.

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