BPSC शिक्षकों की फिर कुंडली खंगलने मे लगी है शिक्षा विभाग, BPSC शिक्षकों के जुलाई के वेतन पर रोक
अब टेंशन मे आए BPSC शिक्षक, फिर से खंगाली जा रही है BPSC शिक्षकों की कुंडली, जुलाई के वेतन पर मंडरा रहा है खतरा
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षक बहाली में राज्य के विभिन्न जिलों में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद विभाग ने सभी जिलों में कार्यरत बीपीएससी शिक्षकों के दस्तावेज की नए सिरे से जांच करने का आदेश जारी किया है।
विभाग के इस फरमान से लखीसराय जिले में बहाल बीपीएससी शिक्षक टेंशन में हैं। जिला स्थापना शाखा द्वारा फिर से सभी शिक्षकों की कुंडली खंगाली जा रही है।
विभाग को आशंका है कि बीपीएससी शिक्षक बहाली में सीटेट और बीटेट परीक्षा को लेकर निर्धारित अंक एवं अन्य तथ्यों को छिपाकर कतिपय अभ्यर्थी शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं।
जानकारी हो कि जिले में बीपीएससी द्वारा पहले और दूसरे चरण में करीब 1,700 शिक्षकों की बहाली से संबंधित सभी कागजातों की जांच होनी है।
जांच को लेकर जुलाई के वेतन भुगतान पर रोक लगाई जा सकती है। बीपीएससी से बहाल शिक्षक वैध हैं या अवैध, इसकी जांच पूरी होने के बाद ही जुलाई का वेतन भुगतान होने की उम्मीद है।
दस्तावेज जांच में पकड़ाया एक संदिग्ध शिक्षक
डीपीओ स्थापना ने बीपीएससी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच में अबतक एक संदिग्ध शिक्षक को चिह्नित किया है। डीपीओ स्थापना संजय कुमार ने रामगढ़ चौक प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय नोनगढ़ में पदस्थापित राजेंद्र प्रसाद मंडल को तीन दिनों के अंदर सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक मूल प्रमाण पत्र के साथ कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है।
शिक्षक राजेंद्र प्रसाद मंडल के दस्तावेज जांच में पाया गया कि बिहार राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को सीटेट और बीटेट परीक्षा में सफल होने के लिए 90 अंक निर्धारित किया गया था, लेकिन जांच में उक्त शिक्षक की सीटेट परीक्षा का प्राप्तांक मात्र 83 अंक है, जो प्रथम दृष्टि में संदेहास्पद है। डीपीओ ने उक्त शिक्षक को तलब करते हुए पूरे साक्ष्य के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
विभाग के निर्देश पर बीपीएससी शिक्षकों की जांच चल रही है। जांच प्रक्रिया से ही शिक्षकों के वैध और अवैध होने का पता चलता है और कार्रवाई भी की जाती है। रामगढ़ चौक प्रखंड के शिक्षक का दस्तावेज संदिग्ध पाया गया है। इसके लिए उक्त शिक्षक को बुलाया गया है। बीपीएससी शिक्षकों के अलावा जिले में जो सेवानिवृत्त शिक्षक हो गए हैं और सभी तरह का सेवा का लाभ ले चुके हैं उनकी भी जांच आरडीडीई कार्यालय मुंगेर में चल रही है