सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 65 प्रतिशत आरक्षण का हाई कोर्ट का फैसला सही, SC के फैसले से मुख्यमंत्री की उडी नींद, प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक के CUT OFF पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव
बड़ी खबरब, सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को 65 प्रतिशत आरक्षण पर मिला बड़ा झटका, हाई कोर्ट पटना के फैसला को SC ने सही ठहराया
आज सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया है नीतीश कुमार के 65% आरक्षण वाले याचिका पसंद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हाई कोर्ट पटना द्वारा दिया गया फैसला फिलहाल इस पर किसी तरह का हाई कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम सुनवाई सुप्रीम कोर्ट सितंबर मा 2024 में करेगी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक के रिजल्ट पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा अब प्रधान शिक्षक 5 से 6 नंबर ऊपर चला जाएगा जबकि बीएससी शिक्षक बहाली भारती 3 की कट ऑफ भी 4 से 5 नंबर ऊपर जाएगी सुप्रीम कोर्ट के फैसला के बाद अब आरक्षण 50% ही रहेगा अत्यंत पिछड़ा वर्ग पिछड़ा वर्ग कैसे रिएक्शन की संख्या घटेगी जबकि सामान्य वर्ग के रिएक्शन की संख्या में बढ़ोतरी होगी इस वजह से एक कट ऑफ में बदलाव देखने को मिलेगा
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को सोमवार (29 जुलाई) को बड़ा झटका दिया है। SC ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें बिहार में रिजर्वेशन को 65 फीसदी तक बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया गया था।
मामले पर विस्तृत सुनवाई सितंबर में होगी। पटना हाईकोर्ट ने आरक्षण बढ़ाने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बिहार सरकार ने सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्ग, एससी और एसटी के रिजर्वेशन कोटे में तय सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया था। फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इस संबंध में मार्च के महीने में दायर रिट याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके बाद बीते महीने 20 जून को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सरकार द्वारा बढ़ाए गए रिजर्वेशन को रद्द कर दिया था।
रिजर्वेशन से जुड़े दो बिल हुए थे नोटिफाई
बीते साल नवंबर में बिहार सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्टेट गजट में रिजर्वेशन से जुड़े दो बिल को नोटिफाई किया था। ऐसा करते ही बिहार में उन बड़े राज्यों में शामिल हो गया, जहां सबसे ज्यादा आरक्षण दिया जा रहा था। 65 फीसदी बढ़ाने के साथ कुल आरक्षण 75 प्रतिशत तक पहुंच गया, जिनमें से 10% Economically weaker section (EWS) को मिलने वाले रिजर्वेशन भी शामिल था।