बिहार के स्कूलों में रसोइया बहाली का बदला नियम, ये कागजात जरूरी वरना नहीं मिलेगा जॉब
बिहार के सरकारी स्कूलों में रसोइया बहाली का नियम बदल गया हैअब बिना जन्म प्रमाण पत्र के रसोइयों का चयन नहीं होगा। सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत रसोइयों की बहाली को लेकर विभाग ने यह निर्देश दिया है।
विभाग का पहले से निर्देश है कि 60 साल की उम्र के बाद रसोइयों को उनके पद से हटा देना है। इसके बावजूद मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जिलों में रसोइयों की उम्र संबंधी गड़बड़ी सामने आने के बाद विभाग ने यह निर्देश दिया है।
नए रसोइयों के चयन में इसी गाइडलाइन के तहत बहाली की जाएगी। मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनायक मिश्र ने इसे लेकर निर्देश दिया है। सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना में इसे लागू करने को कहा है।
नए के चयन में सख्ती निदेशालय की ओर से मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत रसोइया सह सहायक के चयन में न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष तक को रहने का निर्देश था। यह भी आदेश दिया गया था कि रसोइया-सह-सहायिका 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद स्वत कार्यमुक्त माने जाएंगे। इनकी जगह पर नए रसोइयों को रखा जाएगा। विभिन्न जिलों में यह सामने आया कि 60 साल पूरा करने पर भी कई जगह रसोइया काम में बने हुए हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी उनके पास जन्म प्रमाण पत्र का सही साक्ष्य नहीं है। निदेशक ने कहा है कि रसोइया की जन्म तिथि से संबंधित गड़बड़ी के मामले अक्सर निदेशालय के पास आ रहे हैं।
10 हजार से अधिक रसोइये कार्यरत
डीपीओ मध्याह्न भोजन योजना इन्द्र कुमार कर्ण ने बताया कि जिले में 10 हजार से अधिक रसोइया कार्यरत हैं। विद्यालय शिक्षा समिति इनका चयन करती है। जन्मतिथि में गड़बड़ी की बढ़ती शिकायतों को लेकर यह निर्देश जारी हुआ है।
ये प्रमाणपत्र होंगे अनिवार्य
नये चयनित होने वाले रसोइया सह सहायक से अब जन्म तिथि की गणना के लिए कागजात प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इस कागजात के आधार पर ही जन्म तिथि की गणना की जाएगी। इसके तहत यदि नव चयनित रसोइया सह सहायक शिक्षित हो तो शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र (जिसमें जन्म तिथि अंकित हो) लिया जाएगा। यदि नव चयनित होने वाले रसोइया-सह- सहायक शिक्षित नहीं हो तो जन्म प्रमाण पत्र लिया जाएगा। बिना इसके चयन नहीं किया जाना है।