कंचे खेले, पतंग उड़ाई, फिर भी बने IAS; बच्चों को ACS एस सिद्धार्थ ने बताई बचपन की कहानी

कंचे खेले, पतंग उड़ाई, फिर भी बने IAS; बच्चों को ACS एस सिद्धार्थ ने बताई बचपन की कहानी

 

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ अपनी कर्मठता के साथ-साथ सादगी के लिए भी जाने जाते हैं। कभी वह खुद झोला लेकर सब्जी खरीदने निकल जाते हैं, तो कभी सड़क किनारे नाई दुकान के पास बैठकर दाढ़ी बनवाने लगते हैं।

शिक्षा की बात हर शनिवार’ कार्यक्रम में बच्चों से संवाद के दौरान ACS एस सिद्धार्थ ने अपने बचपनी की कहानी और किस्से बच्चों के साथ साझा किए। उन्होने बताया कि वो भी बचपन में खूब कंचे खेलते थे, पंतग उड़ाते थे। यहीं नहीं पढ़ने में वो मेधावी नहीं थे, लेकिन ठीक-ठाक थे। हालांकि खेलने में उनका मन खून लगता था। खेलने के साथ-साथ पढ़ाई नहीं छोड़ी। मेहनत करके आईएएस बने, और आज भी खूब पढ़ते हैं।

बच्चों के साथ संवाद के दौरान एसीएस एस सिद्धार्थ ने सफलता के मंत्र भी दिए। उन्होने बच्चों को बताया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। खूब पढ़ें और खूब खेलें, लेकिन मोबाइल से दूर रहें। साथ ही बच्चों से ये भी बात कही कि आईएएस ही क्यों बनना है? वैज्ञानिक, ज्योतिष, संगीतकार, गायक और पेंटर भी बनिए। इसके अलावा भी कई करियर बनाने के शानदार क्षेत्र हैं।

आपको बता दें एस सिद्धार्थ 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 1987 में आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। आईआईएम अहमदाबाद से 1989 में एमबीए किया है और फिर आईआईटी दिल्ली से इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। कोविड के दौर में उन्होंने अपने समय का सदुपयोग किया और विमान उड़ाने का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी उनकी हॉबी है। प्रकृति के प्रति उनका प्रेम है जो उनकी सादगी में झलकता है।

इसके अलावा शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के सरकारी स्कूलों में प्रति सप्ताह कंप्यूटर और स्मार्ट क्लासेज चलेगा। स्कूलों में हेडमास्टर सुविधा अनुसार क्लास चलाने की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि कक्षा में शिक्षक कमजोर छात्र को आगे के सीट पर बैठाए और उनपर विशेष ध्यान दे। होमवर्क देने के बाद अगले दिन उसे चेक करें। इसके साथ ही कोचिंग पढ़ने वाले छात्रों से कहा कि कक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषय को अच्छी तरह से पढ़े, उसे घर पर दोहराए। इससे कोचिंग की जरुरत नहीं होगी। डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार के सरकारी स्कूलों में स्पेशल चाइल्ड के लिए विशेष कक्षाएं चलायी जाएगी। इस दौरान स्पेशल चाइल्ड के लिए शिक्षकों की नियुक्ति होगी।

वहीं छात्रों ने शिक्षकों की शिकायत करते हुए कहा कि प्रधानाचार्य के चेंकिग के दौरान शिक्षक मोबाइल छुपा लेते है। जबकि चेकिंग से पहले छात्रों को खुद ही पढ़ने को कहते है। डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा ये पूरी तरह से गलत है, इसकी जांच होगी।

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