शिक्षा कोष एप की गड़बड़ी से शिक्षकों पर गिरी गाज, विभाग को भी किया गुमराह, विभाग ने करवाई हेतु जारी किया पत्र 

शिक्षा कोष एप की गड़बड़ी से शिक्षकों पर गिरी गाज, विभाग को भी किया गुमराह, विभाग ने करवाई हेतु जारी किया पत्र 

 

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए उपयोग किए जा रहे ‘शिक्षा कोष’ एप की तकनीकी खामी के कारण बड़ी संख्या में शिक्षकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस एप की गड़बड़ी के कारण जिले के 2000 से अधिक शिक्षकों को विभाग द्वारा स्पष्टीकरण (शो-कॉज) नोटिस भेज दी गयी। एप की गड़बड़ी के कारण शिक्षकों की उपस्थिति विभागीय सिस्टम में दर्ज नहीं हो सकी, जबकि शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति सुबह 9:30 से 10:00 बजे के बीच ही दर्ज कर दी थी। शिक्षकों ने इसका प्रमाण अपनी शिक्षा कोष आईडी के स्क्रीनशॉट के माध्यम से दिया है,

जिससे साफ हो रहा है कि गलती एप या विभागीय सिस्टम में हुई है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण विभागीय पदाधिकारी भी भ्रमित हो गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि स्पष्टीकरण मांगने वालों की सूची में ऐसे शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं, जो या तो सेवा निवृत्त हो चुके हैं, किसी अन्य विभाग में स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनका निधन हो चुका है।

इससे सोशल मीडिया पर विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस गड़बड़ी का खामियाजा जहां ईमानदार शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं फर्जी उपस्थिति लगाने वालों को इसका फायदा मिल रहा है, जिससे शिक्षकों में रोष बढ़ रहा है। शिक्षा विभाग का करनामा: मृत शिक्षक से पूछा गया स्पष्टीकरण तरैया, एक संवाददाता। प्रखंड के गंडार मिडिल स्कूल के एक मृत शिक्षक से उपस्थिति व अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण मांगने का मामला प्रकाश में आया है। मृत शिक्षक गंडार मिडिल स्कूल के सहायक शिक्षक राकेश कुमार राम हैं।

ई शिक्षा एप पर उपस्थिति व अनुपस्थिति का स्पष्टीकारण पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उक्त स्कूल में पहुंचा तो बताया गया कि प्रधानाचार्य सत्यप्रकाश राम ने प्रखंड शिक्षा कार्यालय में उक्त मृत शिक्षक का नाम ई शिक्षा एप से हटाने के लिए एक आवेदन दिया है ।उ क्त आवेदन में कहा गया है कि सहायक शिक्षक राकेश कुमार राम की मृत्यु 13 जुलाई 2024 में हो गयी है ।

उनका नाम ई शिक्षा एप से नहीं हटाया गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष महेश्वर सिंह ने कहा कि ये शिक्षा विभाग की लापरवाही है जो मृत शिक्षक नाम अब तक नहीं हट पाया है। इस सम्बंध में प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामकुमार सिंह ने बताया कि एचएम द्वारा प्राप्त आवेदन आलोक में मृत शिक्षक का नाम ई शिक्षा ऐप से शीघ विलुप्त किया जायेगा।

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