बिहार के मास्टर साहब ने इंजिनियर को भी छोड़ा पीछे, इस ऑनलाइन घर से बनाते थे हाजरी, जानकारी मिलते ही विभाग मे मचा ह्ड़कंप
इसके बाद भी शिक्षकों ने फर्जी उपस्थिति बनाने का तरीका ढूंढ लिया। शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने जांच की तो मामला सही पाया गया। अब विभाग ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
मिस्त्री टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय का मामला
यह मामला मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर प्रखंड के दुलारपुर गांव के मिस्त्री टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय से संबंधित है। यहां राजेश कुमार नाम के एक शिक्षक पर कभी स्कूल न आने का आरोप है। उनकी उपस्थिति स्कूल से जुड़े टोला सेवक द्वारा दर्ज की जाती है। जांच में पता चला कि ई-शिक्षाकोश एप पर एक भी दिन की फोटो अपलोड नहीं की गई।
अध्यापकों ने अवकाश लिया।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने इस साल की शुरुआत में ई-शिक्षाकोश ऐप को अपडेट किया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि शिक्षक स्कूल में उपस्थित रहें और नकल न कर सकें। ऐप से एयरप्लेन मोड विकल्प भी हटा दिया गया। विभाग ने दावा किया कि अब शिक्षक स्कूल से दूर बैठकर उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकेंगे। लेकिन शिक्षकों ने इसका भी समाधान ढूंढ लिया।
जांच आदेश जारी
इस मामले की जांच ई-शिक्षाकोश सॉफ्टवेयर के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा की गई। जांच में पता चला कि फरवरी, मार्च और अप्रैल माह में राजेश कुमार की उपस्थिति में विसंगतियां थीं। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि शिकायत सही थी। इसके बाद मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी को मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया गया है।
इस तरह दी गई उपस्थिति
ई-शिक्षाकोश सॉफ्टवेयर के तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि आरोपी शिक्षक स्कूल में अपना पासपोर्ट साइज फोटो रखता है। जब वे स्कूल नहीं आते हैं, तो उनके साथी उसी फोटो को स्कैन करके अपलोड कर देते हैं। इस तरह उनकी नकली उपस्थिति बनाई जाती है। मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। विभाग ने सभी स्कूलों में उपस्थिति जांचने के निर्देश जारी किए हैं।
दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई
बिहार शिक्षा विभाग ने कहा है कि किसी भी कर्मचारी के लिए यह कृत्य अपराध है। ऐसे शिक्षकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी कहा है कि विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ ऐसे शिक्षकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
जालसाजी सहन नहीं की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ई-मोबाइल हाजिरी की गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। विभाग ने कहा है कि वह किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं करेगा।