मृत शिक्षक को शिक्षा विभाग ने भेजा नोटिस, 24 घंटे मे जवाब नहीं देने पर एक का वेतन काटने का दिया आर्डर
. शिक्षक की मौत के बाद भी शिक्षा विभाग को नहीं मिल रही है शांति, शिक्षा विभाग का गजब कारनामा दो मृत शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस किया जारी
शिक्षा विभाग अपने अजब गजब कारनामे को लेकर शिक्षक समाज में आज हंसी का पात्र बन गई है
शिक्षा विभाग में दो मिनट शिक्षकों से नोटिस भेज कर जवाब मांगा है विभाग ने पत्र जारी कर नियुक्त शिक्षकों से लिखित नोटिस का जवाब मांगा है नहीं तो उनके एक दिन के वेतन कटौती करने का आदेश दिया जाएगा
इसी तरह लगभग 3 महीने से न्यायिक हिरासत में बंद एक महिला प्रधानाध्यापक को भी कारण बताओ नोटिस जारी करके उनका भी एक दिन का वेतन रोका गया है।
इस मामले में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होने कहा कहा विभाग में उपलब्ध शिक्षकों के डाटा के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
अगर मृत और न्यायिक हिरासत में बाद शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई है तो यह संबंधित विद्यालयों के एचएम का दोष है, प्रधानाध्यापक के द्वारा विद्यालय का ई-शिक्षाकोश को अद्यतन नहीं किए जाने से यह गड़बड़ी हुई है। सभी प्रधानाध्यापकों को विद्यालय का ई-शिक्षाकोश अद्यतन करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है यह मामला
5 मई को जिला में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा की, जिसमें 126 शिक्षकों द्वारा विलंब से उपस्थिति बनाने तथा 106 शिक्षकों के ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने पर एक दिन ( 5 मई) का वेतन रोककर सभी को कारण बताओ नोटिस भेजकर लिखित जवाब मांगा गया है।
उपस्थिति नहीं बनाने वाले 106 शिक्षकों में पिंटू रजक, कौशल किशोर सिंह तथा मीरा कुमारी का नाम भी शामिल है। गोसायमढ़ी के शिक्षक कौशल किशोर सिंह का निधन कई महीने पहले हो चुका है तथा गगरी के शिक्षक पिंटू रजक की हत्या फरवरी महीने में ही हो चुकी है।
इसी तरह गगरी की प्रधानाध्यापक मीरा कुमारी फरवरी से ही हत्या के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। विभाग ने सूची की जांच किए बिना उपस्थिति नहीं बनाने पर इन दोनों मृत व जेल में बंद शिक्षक पर भी वेतन कटौती और कारण बताओ नोटिस की कार्रवाई की है।
शिक्षक संघ के पदाधिकारी इसको लेकर विभाग में स्थानीय स्तर पर अंधेर नगरी करार दिया है। चुनाव के समय भी इस तरह की बात सामने आती है।